Page 48 - Darshika 2020
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                                                                                           े
                अगले साल जब भारत म जनगणना हो तब यह पता लगाना चाहहए कक लॉकडाउन क समय लोगों ने
                                                         ं
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                                                                 ें
               टया काम ककया। ववर्र् ऱूप स उन लोगों की सख्या धगन श्जन्होंने इस वर्ष क ु छ खाना बनाना सीखा। हम
                           ैं
               दख सकते ह कक क ु छ लोग खाना बनाना सीख गए ह,  कोई गाना,  तो कोई नाचना,  तो कोई बगीचे म
                                                               ैं
                                                                                                          ें
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               कामकरना र्ुऱू कर चुका ह। ववडबना यह ह कक जब दुतनया कफर स सामान्य होगी तब य लोग ऐसे ह
               नह ं रहग।
                      ें
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                                                                                            ें
                            अब हम स्क ू ल और कॉलज की पढ़ाई ऑनलाइन कर रह ह। इस तरह भर्क्षा म प्रौद्योधगकी क
                                            े
                                                                          ैं
                                                                                                         े
                                                                       े
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               ववकास का रास्ता खुल चुका ह। यह अकल ह  भर्क्षण समुदाय म एक वववतषतनक बदलाव पैदा करगा।
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               होमवक,  असाइनमट और प्रोजेटट अधिक रचनात्मक और प्रततस्पिी होंग। स्क ू ल एक दूसर क मुकाबल म
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               पररसर म पाठ क व्यावहाररक पहलुओ को पढ़ाएंग और अपने छािों को घर पर बैठकर दखने क भलए
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               भसद्िांतों का श्टलप भेजग। भर्क्षक बेहतर उपकरणों,  बेहतर संभावनाओं क साथ छािों को पहले से बेहतर
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               भसखा सकगे।
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                           इस साल टया-टया पररवतषन आया और उसका पररणाम टया ह यह कहना तब तक मुश्श्कल ह जब
                                                                           ै
               तक हम जो घटा ह उसका अतीत क पन्नों म अवलोकन नह ं करते ह। टया कोई मर ज़ ऑपरर्न क
                                                                              ैं
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               वटत ह  सजषर  की सफलता क बार म बोल सकता ह?  अगर वह ऐसा करता ह तो वह एक बेवक ू फ इसान
                                         े
               होगा।
                                                                                                ें
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                           स्वच्छता और सामाश्जक नीरसता को समाज म दोबारा कभी भी इतनी त्वररत गतत म   नह ं लाया
                                                    े
               जा सकता। कोरोना ने त्रबना ककसी सवाल क एक बहत ह  कहठन काम को र्ुऱू कर हदया ह। लककन अगर
                                                                                                 े
                                                                                             ै
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               हम सभी यहााँ स सह  चुनाव कर सकते ह तो स्वच्छ भारत सबसे बड़ी जीत     होगी और यह साल व्यथष
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                                                    ैं
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               नह ं जाएगा। मुझ वास्तव म उम्मीद ह कक हम इस अवसर को बबाषद नह ं करग।
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                         हम कोरोना की वजह स बहत सार  मुसीबतों और सघर्ों को झलना पड़ा ह। इसक बावजूद भी हम
                                                                           े
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               मुस्क ु राते रह। जब दुतनया पहल जैसा चलना र्ुऱू करगी तब लोग तनश्श्चत ऱूप से कहगे कक कोरोना क
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                                                              े
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               समय जो र्ांतत थी वह बहत याद आती ह।
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                          इस वर्ष की एक और महत्वपूणष जीत यह ह कक मानभसक स्वास््य क बार म उभरती हई वाताषएाँ
                                                                                         ें
                                                                                      े
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               सामने आयी ह। कहते ह कक हमारा हदमाग र्ट या कपड़े की तरह ह। श्जतना अधिक हम उसका उपयोग
                                                                           ै
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                      ैं
               करते ह उतना ह  अधिक झुरीदार हो जाता ह। तो हम इस हदनभर इस्िी करना पड़गा। एक आम आदमी
                                                              ें
                                                                  े
               अपने हदमाग की हालत क बार म इतना कभी नह ं सोचता था या ख्याल रखता था श्जतना वह इस साल
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                                          े
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               करता रहा।
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                            इस इटरनेट युग स युवा पीढ़  को सभी नकारात्मकता को अनदखा करने की पहल  डोज भमल ।
                                                                              े
               पहल  बार अच्छ ववचार,  सकारात्मक वाताषलाप ने मन की र्ाश्न्त का   इस युवा पीढ़  को अहसास कराया।
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                                                                                          े
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               श्जनक पास सकारात्मक और प्रगततर्ील हदमाग ह,  वे अपने क्षेिों म नेतृत्व करग। इसक साथ ह  ऊजाषवान
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               हदनचयाष,  सभी क्षेिीय गततववधियों म सफलता प्रातत करने का रहस्य ह।
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               स्वास््य क भलए सतुभलत भोजन और उत्तजनाह न र्ांत मन ह  इस वर्ष की महत्वपूणष उपलश्ब्ि होगी।
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               जीवन म छ ु र्टहटयों की ़िुर्ी तो ककसी को पसद नह ं आएगी। यह साल एक लबी छ ु र्टट  बन जाएगा।
                                                                                      ं
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               र्ायद ऐसा क्षण दोबारा कभी न आए। इस समय को दूसरों क ख्यालों म और उनक साथ त्रबताने म,
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               खलने म मनोरजन म सहायता करने म त्रबताते हए यादगार बनाएाँ।
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