Page 53 - Darshika 2020
P. 53

े
               कोववड-१९ क े साथ मरा अनुभव

               - एस. मुरली सहार्क अर्भर्न्ता





                                                                     ें
                                                                                                          ें
               वर्ष २०२० का सवाषधिक चधचषत ववर्य रहा कोरोना। जीवन म र्ायद पहल  बार कोई भी इस अवधि म
               पॉश्जहटव नह ं रहना चाहता था। र्ायद इसी वजह से इसको 'नया नॉमषल कहा गया।  भारत म फरवर
                                                                                                   ें
                                                                            ै
                                                                                        ं
                                           ै
                                                                े
               मह ने स कोरोना महामार  का फलाव र्ुऱू हआ। माचष क मध्य तक फलाव रहा। परतु जब अधिक राज्यों
                       े
                                                     ु
               म फलने लगा तो सरकार ने लॉकडाउन का तनणषय ककया।
                 ें
                   ै
                                                                                              ें
                                                                                     े
                                                       ें
                                                                        े
               दूरदर्षन  (मीडडया)  जैसी  अत्यावश्यक  सवा  म  होने  की  वजह  स  लॉकडाउन  क  समय  म  भी  मैं  रोज
                                                  े
               कायाषलय जाता था। मास्क पहनना,  हाथ साफ करना और सामाश्जक दूररयां आहद सभी तनयमों का पालन
               करता था। घर पहच कर तुरत नहाता था। इसभलए मुझ पूरा ववश्वास था कक इस महामार  का मुझ पर
                                        ं
                                                                े
                               ं
                               ु
                                                                                ै
                                        े
                                                                                                         े
                                                   े
                                                                    े
               कोई प्रभाव नह ं पड़गा। हमार अनुभाग स हम आउटडोर कवरज क भलए कमरा भेजते थे। वापस आने क
                                े
                                                                        े
                         ै
                                     े
               बाद हम कमरा और सार उपकरणों को सैतनटाइज कर लेते थे। कफर भी अचानक एक हदन यह समाचार
                            े
                                                              ै
                                       ें
                                                                                             े
                                                                                               ें
                                                                           े
               भमला कक हमार अनुभाग म एक को कोरोना हो गया ह। मैं भी उसी क साथ एक ह  कमर म काम करता
                                                                                         े
                                                                                    ैं
                                               े
               था। सािारणत: वायरस लग जाने क 4-5  हदन बाद ह  लक्षण हदखाई पड़ते ह। मेर साथ तो चार हदन
                                         ें
                                                                             ष
                                                                                                         े
               जैसे-तैस गुजर गए पर पांचव हदन र्ाम को मुझ तेज बुखार,  बदन-दद और खांसी होने लगी। टर्न क
                                                                                                    ें
                      े
                                                          े
                                                        े
               साथ मैंने पेराभसटामोल दवाई भी ल । पर अगल हदन तक कोई असर नह ं हआ तो मैंने जााँच कराई। उस
                                                                                 ु
                       े
                                                  े
                                                                             ें
                                                     ं
               रात मुझ नींद नह ं आयी और बेसब्री स इतज़ार करने लगा। जीवन म पहल  बार पॉश्   जहटव नह ं रहना
                                                                 े
               चाहता था। अगल हदन ररज़ल्ट वह  तनकला श्जसका मुझ डर था। हााँ,मैं कोरोना पॉश्जहटव घोवर्त ककया
                               े
               गया।
                                                   े
               कफर अगल हदन मैं अस्पताल गया। मिुमह,  बीपी,  ऑटसीजन लेवल सबकी जााँच कराई। मुझ हल्क तौर पर
                                                                                                  े
                                                                                              े
                        े
               महामार  का रोग लग गया था और मुझ 14  हदन तक घर म अकले रहने का परामर्ष हदया गया। हालांकक
                                                                    ें
                                                                        े
                                                  े
                                                                             े
                              ें
               मैंने अस्पताल म रहना ह  उधचत समझा,  कफर भी मेर  बीमार  और सार लक्षण कम हो जाने की वजह से
                                                                                 े
                                                                                          ें
                                                                               े
                                                                                       े
               मुझ घर पर ह  रहने की सलाह द  गई। घर आकर मैंने अपने आपको अकल 1 कमर म बंद कर भलया।
                   े
                         े
                                                        ें
                                                      े
                                                े
               यद्यवप मेर पररवार वाले सभी बगल क कमर म थे,  कफर भी मैं उनसे वीडडयो कॉल पर ह  बात करता था।
                                                                                                  े
                                                                                 े
               अधिक पास होते हए बहत दूर जैसा लग रहा था। अगले 2-3 हदन तक मुझ डर था कक कह ं मर पररवार
                                                                                                   े
                                ु
                                    ु
                                                  े
                                                   े
                                                      े
               जनों को क ु छ न हो जाए। श्जन्दगी म मर य 3  हदन अधिक अंिकारमय थे। नींद त्रबल्क ु ल नह ं आयी और
                                               ें
                                    ें
               धचंताग्रस्त मन:श्स्थतत म रहने लगा।
               मैं ना ट वी दख सकता था ना मोबाइल पर भमिों से बात कर पाता। अन्न-जल ग्रहण करना भी अच्छा
                           े
                                                                                                         े
                                      े
                                                                                                े
                                 े
               नह ं लगता। कारपोरर्न क अधिकार  मुझस रोज बात करते थे। मर सार पड़ोसी व ऑकफस क साथी मर
                                                                              े
                                                     े
                                                                                                          े
                                                                          े
                                                                         े
                                                                                े
                                                                े
               भलए दुआएं मांगते थे। पूर 14  हदन का समय एक साल क बराबर लगा। िीर-िीर ज्वर कम हआ ,स्वास््य
                                                                                    े
                                     े
                                                                                               ु
                                                 ं
                 ें
                                                                       े
               म सुिार हआ और मुझ खाना भी पसद आने लगा। अंतत:   अकलेपन का दौर खत्म कर मै बाहर आया।
                                    े
                         ु
               पररजनों स भमला और पुन:14  हदन की छ ु र्टट  लकर घर म ह  रहा। मैंने जून क अंत म ड्यूट  ज्वाइन की
                                                                                          ें
                                                                 ें
                                                                                   े
                                                         े
                         े
                                                                                                        े
                                                                                           े
                                                                                                    े
                                े
               और अपने लोगों स भमलकर खुर् हआ। मैं प्राथषना करता हाँ कक कोई भी इस श्स्थतत स नह ं गुजर। मरा
                                              ु
                                                                   ू
                                                           53
   48   49   50   51   52   53   54   55   56   57   58