Page 56 - Darshika 2020
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जर् जवान जर् ककसान
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- ए. कणमणण, प्र. श्र. र्ल.
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अपना भारत दर् एक क ृ वर् प्रिान दर् ह। जहां ककसान अपने दर् क भलए एक महत्वपूणष भूभमका तनभाता
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ह। इसभलए ककसान को दर् का एक सैतनक माना गया ह।
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टयोंकक अगर हमार दर् क सीमा पर सतनक नह ं होंग तो हमार दर् क दुश्मन हमार दर् पर हमला कर
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सकते ह, इसी तरह अपने दर् म अगर ककसान नह ं होंग तो खती नह ं हो सकती और खती नह ं होगी तो
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अपने दर् का हर एक नागररक भूखा रह जायगा, कफर चाह वो सीमा पर लड़ रहा जवान ह टयों ना हो?
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इसभलए ककसान हमार समाज क र ढ़ की हड्डी ह। इसभलए उन्ह ं क वजह से हम लोग सभी प्रकार का
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भोजन कर सकते ह। उनक कारण हम लोग कभी भूख नह ं रहते हैं, यह उन्ह ं की दन ह।
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ककसान पर तनभषरता
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इस दुतनया म चाह कोई भी दर् हो। चाह वो एक ववकभसत दर् हो, ववकासर्ील दर् हो या कफर एक गर ब
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दर् हो। पूर दुतनया म हर एक दर् म ककसान एक सबस महत्वपूणष व्यश्टत होता ह।
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श्जनक ऊपर पूरा दर् तनभषर रहता ह। उस दर् की पूर आबाद का जीवन ककसानों पर तनभषर होता ह। इस
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तरह एक ककसान पूर दुतनया क सबस महत्वपूणष लोगों म स एक ह। श्जनक ऊपर पूर दुतनया तनभषर ह।
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हमार जीवन म ककसानों की आवश्यकता को नकारा नह ं जा सकता । ककसान को सभी दर्ों म एक
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महत्वपूणष व्यश्टत माना जाता ह। अपना भारत दर् एक क ृ वर् प्रिान दर् होने की वजह स अपने दर् म
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ककसानों का बहत बड़ा महत्व ह।
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दर् की अथषव्यवस्था म योगदान
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दर् की अथषव्यवस्था म ककसानों का योगदान १७ प्रततर्त क कर ब ह। ककसानों का यह योगदान भारतीय
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अथषव्यवस्था म सभी मदों व क्षेिों क मुकाबल सबस ज्यादा ह। इतना योगदान दने क बावजूद भी अपने
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दर् का ककसान उसकी कई सार जऱूरतों स दूर ह। मतलब उसको कई सार जऱूरतों की सुवविाएं नह ं
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भमलती ह। श्जस पर सरकार को ध्यान दने की आवश्यकता ह।
दर् क दूसर प्रिानमिी लाल बहादुर र्ास्िी नेजय जवान जय ककसान का नारा हदया था। इसभलए श्जस
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दर् म जवानों और ककसानों का उधचत आदर-सत्कार होता ह, वह दर् तनश्श्चत ऱूप से उन्नतत की ओर
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अग्रभसत होता ह।
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