Page 54 - Darshika 2020
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अभभप्राय यह ह कक जब तक हम बचाव क सार तनयम का पालन करगे तब तक हम डरने की ज़ऱूरत
नह ं ह।
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हे मनुष्र्
वी.लता, आर्ुर्लवपक
ह महा मानव,
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तुमहो, भगवान की सवोत्तम सृश्ष्ट ।
सृश्ष्ट की सवोत्तम वस्तु पर भोग का अधिकार ।।
जलार्यों म नहा सकते हो,
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सूयष क ककरणों स गमी लते हो,
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चंद्रमा की र्ीतलता से ठडक,
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पेड़-पौिों से फल-फ ू ल का भोग ।।
प्रक ृ तत स सब क ु छ लकर,
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वावपस टया हदया तून े
वृक्षों को काटकर, भवन बनाया ।
जलार्यों को बंद कर, नगर बसाया ।।
ह मनुष्य,
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