Page 101 - lokhastakshar
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               दुिनया क सब मनु;य बन जाये बक8रयां
                           ु
                                                 े
                                                                                        ै
                                                                                 े
               ओर कोई हुकमशाह अपने #हसाब से द उनक7                कई वीभFस चहर करते ह पीछा
                                                                               े
                                                                                    ै
               बिल                                                वह कसकर बांधती ह चुनर"
                                                                              ै
                                                                       ु
                                                                  और छपाती ह
                                                                           े
                                                                      े
               तब भी बचानी चा#हए क?वता                            उसक उभर सtदय  का
               जब सब खFम हो जाएगा                                 ?व
ता8रत समुL
                                       े
               तब भी क?वता म5 बसी रहगी दुिनया और
               जब पृgवी पर #फर से बनगी                            मछली बाजार पहुँच
                                       े
                                                                                  ै
               नयी दुिनया                                         जब वह लगाती ह आवाज
                                  े
               तो उसे अपना हाथ दगी क?वता                          मछली ले लो मछली
                                                                                         ै
               और खड़" हो जाएगी दुिनया #क                          सारा बाजार उमड़ पड़ता ह

                             े
                                            ै
                                                                                  5
               क?वता उठने क िलए ह" होती ह                         तब #कसी नजर म
                                                                                     ै
                                                                  कामनाओं का होता ह समुंदर
                                                                                     ै
                        ं
               वह नारगी चुनरवाली लड़क7                             #कसी म5 उठा होता ह
                                                                  वासना का Gवालामुखी
                      ं
               वह नारगी चुनर"वाली लड़क7
                                                                                                ै
                                                                           ं
                                                                  #कसीक7 उगिलया रखना चाहती ह
                                             े
                                 े
                                      ं
                        ै
               जलाती ह अपने सार नारगी सपन
                                                                                   े
                                                                                      ं
                                                                      े
                                                                  उनक काले 
पश  क दश
                                        े
                              ै
                         े
               और मार दती ह अपने सार
                                                                  उसक7 मुलायम कांितपर
               9जजी?वषा क समुL
                          े

                       े
               नसीब क रह
यमयी
                                                                                          ै
                                                                  ~ी क ज2म-ज2मांतर क ह
                                                                                        े
                                                                       े
                 ु
                                     ै
               क#टल जाल पहचानती ह
                                                                           े
                                                                  यह सब खल
                                 े
               और अपने सपन- क ?वशाल

               मैदान म5 उड़ना भी चाहती ह
                                         ै
                                                                  खFम कर मछिलय- क7 टोकर"

                                                                                        ै
                                                                  उ2ह" पैस- से ले जाती ह
               अपनी इSछाओं से भर मन से उठत
                                               े
                                   े
                                                                           े
                                                                                                े
                                                                  अपन5 छोट भाइय- और बूढ़" मां क िलए
               *s- क जवाब खुद ह" ढूंढ
                     े
                                                                  #दनभर का खाना
                                         े
                                ै
               आलापना चाहती ह जीवन क अलाप
                                                                                      े
                                                                  सुबह उठकर अपने मर ?पता क7

                                                                                 े
                                                                                              5
                                                                  नाव #फर छोड़ दती ह द8रयां म
                                                                                     ै
                           ै
               लं6बी नाक ह उसक7
                                                                                    5
                                                                              ै
                                                                       े
                                                                  और फकती ह उनम
               कल4 कल4 बाल
                                                                               े
                                                                  अपने ज_रत क जाल
                                5
               लंबी-सी चो#टय- म
                                                                                          ै
                                                                  तब उसक7 आँख- म5 होते ह
               9खलता रहता ह
                             ै
                                                                                    े
                                                                  आशाओं क चमक7ल सूरज
                                                                           े
               हमेशा एक गुलाब
               मई – जुलाई                             101                                                                   लोक ह
ता र
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