Page 102 - lokhastakshar
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और भूख क7 तरफ जानेवाली रोशनी अपने जीवन म5 आय
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दुःख- क सैलाब को
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वह जान चुक7 ह सुख का पूण ?वराम
दुःख- क7 भाषा
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दुःख- क {याकरण
और वह यह भी जानती ह #क
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उसक िलए कह"ं कोई स6पक-ाम-मुeड, पो
ट-मुeड, 9जला-लातुर
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नह"ं बना ह ऐसा शbदकोश (महारा)-413510
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9जसम5 से िनकाल सक वह मोबाइल-9860824868,
दुःख का कोई पया यवाची शbद 8999152322
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9जसे ले वह द सक ईमेल-vishal.andhare.33@gmail.com
मई – जुलाई 102 लोक ह
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