Page 106 - lokhastakshar
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पु
तक समी ा

                                                                                                       5
                                                                                      पु
तक - टोकर" म #दगंत
                                                                                           ले9खका - अनािमका


                                                                      अनािमका  को  सा#हFय  अकादमी  स6मान
                                                                                                     े
                                                                                                ं
                                                                                   े
                                                                    े
                                                               िमलन  क7  घोषणा  क  साथ  ह"  #हद"  क  सोशल
                                                               मी#डया  संसार  म  जैस  जs  शु_  हो  गया  ह।  मुझ
                                                                                                       ै
                                                                              5
                                                                                   े
                                                                                                             े
                                                                                 ं
                                                                                                             े
                                                               याद  नह"ं  आता,  #हद"  म  #कसी  पुर
कार  पर  ऐस
                                                                                      5
                                                                                               े
                                                               सामू#हक  उUलास  का  माहौल  पहल  कब  बना  था।
                                                                                            ृ
                                                               यह  उनको  हािसल  {यापक  
वीकित  और  
नेह  का
                                                                                                        ृ
                                                                                                     े
                                                                      ै
                                                               सूचक ह। इसका Xेय 9जतना अनािमका क कितFव
                                                                                        े
                                                                                                             5
                                                               को  जाता  ह  उतना  ह"  उनक  {य?^Fव  को,  9जसम
                                                                         ै
                                                                           े
                                                                                                          ृ
                                                                                                   5
                                                                                             ै
                                                               सबको समेटन क7 अÀुत  मता ह। उ2ह 9जस कित
               'टोकर" म #दगंत' पर यह स6मान िमला ह, उस पर कभी एक #टqपणी मQन भी िलखी थी।
                                                     ै
                                                                                  े
                        5
                                                        5
                                                          Q
                                                                                    Q
                         ं
                                                                                            5
               य क?वताए नह"ं, स यता क7 अनसुनी आवाज़ ह            ?वरासत  का  #ह
सा  ह,  उसी  म  रच-बस,  उसी  स
                                                                                                    े
                                                                                                             े
                                                                                                 े
                 े
                                                                िनकल  ह  और  अनािमका  को  एक  ?वल ण
                                                                         Q
                                                                     े
               अनािमका #हद" क7 ऐसी ?वरल कविय<ी ह 9जनका
                                                     Q
                           ं
                                                                         5
                                                                                  Q
                                                                                े
                                                                कविय<ी म बदलत ह।
                  ं
                                         ै
               परपरा-बोध 9जतना ती‡ण ह आधुिनकता- बोध भी
                                                             े
                                                    े
               उतना  ह"  *खर।  उनक7  पूर"  भा?षक  चतना  जैस  वैसे  तो अनािमका  का  पूरा  लेखन  ह"  इस  *#)या
               
मृित  क  रसायन  स  घुल  कर  बनती  ह  और  का  सा‡य  है,  ले#कन  उनका  नया  का{य  संह
                        े
                                                       ै
                                    े
                                       े
                        े
               पी#ढ़य- स नह"ं, स#दय- स चली आ रह" परपरा का  ‘टोकर" म5 #दगंत: थेर" गाथा 2014’ तो जैसे पूरब
                                                      ं
                                                   5
                            ै
               वहन  करती  ह।  उनक7  पूर"    कहन  म  यह  वहन  से  प9zम  तक,  स यता  के   सूय„दय  से  इस  शाम
                                                                                     े
                                                                                                 े
                                                                                                  े
                                    ै
                                                                             े
                                                     े
                                            े
               इतना सहज-संभा{य ह #क उस अलग स पकड़न-          े   तक,  बौO  थ8रय-  स  अ2ना  करिनना  तक-
                       े
               पहचानन  क7  ज़_रत  नह"ं  पड़ती,  वह  उनक7  अनािमका  के   ?वपुल-?वराट  सां
कृ ितक-दाश िनक
                                                             े
                                                      ै
               िनिम ित  म  नािभनालबO  #दखाई  पड़ता  ह।  कहन  िचंतन  का  समाहार  है-  वाकई  यह  टोकर"  अनुभव
                         5
                                                         े
                                                     ं
               क7 ज़_रत नह"ं #क उनका ~ीFव सहज ढग स इस  और संवेदना के  इतने #दगंत समेटे हुए है #क इससे
                  ं

               परपरा  क7  पुन{या  या  और  पुनरचना  भी  करता  गुज़रना  सुख-दुख,  कeणा  और  यं<णा  के   उस  VंV
               रहता ह- उनक जो ?बंब क?वता म हम बहुत अछत  क7 या<ा करना है 9जसका नाम मानव स यता है।
                            े
                                                  5
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                                                           ू
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                                Q
               और  नए  लगत  ह,  जीवन  क7  एक  धड़कती  हुई
               मई – जुलाई                             106                                                                   लोक ह
ता र
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