Page 70 - lokhastakshar
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क7 यार" ?बछड़ सभी बार" बार" “य दोन- गीत आज भी भूख लगी ह “भोजन क बाद मQन गीतकार शैले2L को
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”आल टाइम ,लािसक “क7 Xेणी म शुमार ह। कफ़7 लेकर काफ7 बातचीत क7 और उ2ह-न शैले2L को एक
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आज़मी न“जीत ह" ल5ग बाजी हम तुम “#फUम -शोला महान गीतकार और मजदूर- कामगार- का सSचा
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और शबनम “ या #दल क7 सुनो दुिनया वालो “तथा दो
त बताया। मQन उनस कई सवाल #कय एक सवाल य े
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”धीर धीर मचल ऐ #दल बकरार “#फUम अनुपमा “ पूछा गज़ल या नºम िलखन और #फUम क िलय े
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”बहार- मेरा जीवन भी संवार- “#फUम -आ9खर" गीत िलखन म आप #कसको Gयादा आसान मानत े
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खत , मेर" आवाज़ सुनो #फUम -नौिनहाल “ “ ( , ह “ ?कफ़7 साहब बोल Ð यक7नन #फUम- म गीत
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िमल न फल तो काँट- स दो
ती कर ली #फUम - िलखना बहुत चुनौती भरा काम होता ह नगम #फUम
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“अनोखी रात ( “9जंदगी ह ै ,या “#फUम क7 कहानी और िसचुएसन को rयान म रखकर िलख े
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जात ह और खास बात य ह क7 Gयादातर गान यून “
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”सFयकाम , य दुिनया य मह#फ़ल मेर काम क7
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पर िलखन होत ह। पहल क खोद द" जाती ह और क
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नह"ं “#फUम -ह"र राँझा , तुम जो िमल गए हो “
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क साईज क #हसाब स मुदा तलाशा जाता ह यािन
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)#फUम हसत ज म , ह तेर साथ तो मेर"
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संगीतकार हम यून दता ह उस पर हम शbद #फट
वफ़ा “#फUम -#ह2दुतान क7 कसम ( “9जस #दन स े करन होत ह |यह काम चुनौती पूण होता ह। एक
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मQन तुमको दखा ह #फUम परवाना , ( “तुम ?बन कामयाब गीतकार वह" ह जो यून और िसचुएसन क
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जीवन कसा जीवन “#फUम -बावच| “चलत चलत े मुता?बक अSछा #दल को छन वाला नगमा िलख जो
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मुझ कोई िमल गया था “#फUम - पाक7ज़ा ( “तुम जो सबक कान- म रस घोल और सुनन वाल क7 _ह तक
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पहुंच। बम न दादा सिचनदव बम न क साथ एक यून
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इतना मु
करा रह हो “#फUम -अथ ( “जलता ह ै
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पर गीत िलख रहा था उसम बहुत टाइम लगा और गीत
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बदन “#फUम र9ज़या सुलतान (तथा #कतन बाजू
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ऐसा बना #क बम न दादा भी खुश मुझ भी बहुत सुकन
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#कतन सर “#फUम -मQ आज़ाद हूँ “जैस बेहतर"न
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िमला और जनता क बीच भी बहुत मकबूल हुआ। य े
साथ क ,लोक?*य ,कण ?*य और
तर"य गीत िलखकर
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गीत था Ð वÁत न #कया ,या हसी िसतम “काश
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अपनी शायर" का लोहा मनवाया।
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#फUम भी #हट हुई होती। “मदन मोहन साहब क साथ
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इन पं?^य- क लखक को तीन बार कफ़7 साहब
मQन हक7कत “हसत ज म” “ह"र राँझा “और
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स िमलन का सौभाuय *ा हुआ।
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”#हदु
तान क7 कसम “आ#द कई #फUम- म गान िलख े
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सन 2000 म मQ फोन पर समय लेकर उनक गाँव
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और इनक गीत- न सुनन वाल- क #दल- म खास जगह
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िमजुवा पंहुचा। दोपहर एक बज िमलन का वÁत तय
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बनायीं“। 1962 म #हदु
तान और चीन क युO क बाद
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हुआ और मQ दो घंट लेट लगभग तीन बज पंहुचा।
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पंजाब सरकार क7 मदद स चेतन आन2द न 1964 म 5
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उ2ह-न बड़" गम जोशी स मेरा
वागत #कया और बोल
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”हक7क़त “#फUम बनाई |यह #फUम दश क- न बहुत
”खाना तैयार ह मQ आपका ह" इतज़ार कर रहा था ,
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पसंद क7 इस #फUम क गीत सार दश म गूँज रह थ।
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पहल खा ल #फर बातचीत करत ह “अपन घरलू सेवक
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”कर चल हम #फ़दा जान ओ तन सािथय- अब तु6हार े
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गोपाल को आवाज़ लगायी जUद" खाना लगाओ बड़"
”
मई – जुलाई 70 लोक ह
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