Page 75 - lokhastakshar
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“.... और मQने पता नह"ं कब अपना िसर बहुत दया आती ह उस पर उस व^। पर कस
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उस शीशे क साथ टकराया। समझाऊ उसे #क सभी इतने भी खास नह"ं होते।
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पर क?वता तो कह"ं भी नह"ं थी वहां पर। ?ववेक तो मेरा नैट ड ह बस। सा#हर क शहर
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वहां पर तो बस चकनाचूर हुआ कांच था और मेर का। पढ़न-िलखने म5 eिच रखने वाला। नैट पर ह"
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माथ से बहता हुआ खून। िम<ता हुई थी हमार"।
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“उस बेजान कांच ने मेरा ,या ?बगाड़ा था ... और धीर-धीर सैल नंबर ए,सचज कर
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क?वता ?,य- )ोध िनकाला तूने अपना उस पे। िलए। मुझ ?ववक स बात करना अSछा लगता ह।
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ऐसी हरकत5 खतरनाक ह....। इसीिलए तो मQने ?ववक क बार म5 सा#हर को
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पता नह"ं सा#हर सहानुभूित #दखा रहा था बताया था। दोन- क7 भ5ट करवाई। सा#हर ?ववक
या कह रहा था #क तू पागल होती जा रह" ह। को उसक ऑ#फस जाकर िमलकर आया था। दोन-
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शायद सह" सोचता ह वह। सचमुच पागल म5 िम<ता हो गई। पर2तु कवल चार मुलाकात- म
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होती जा रह" हूं मQ। पर मQ पागल तो उसी #दन ह" सा#हर ?ववेक क नाम से खीझ गया था। #कसी
हो गई थी 9जस #दन पहली बार क?वता क7 बात मह#फल म5 बैठे ?बठाए ऐसा पता नह"ं ,या हो
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मानी थी। क?वता क7 बात मान कर ह" मQने फोन गया था #क दोन- िम< भी नह"ं रह।
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#कया था सा#हर को। पहली मुलाकात क बाद ...... उस #दन पहली बार हम दोन- म
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पहला फोन। .... और #फर फोन और मुलाकात- ?ववेक को ल क बहस हुई थी।
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का िसलिसला शु_ हो गया। अब भी चार बार फोन तृ जानती ह" #कतना ह उसे ? नैट पे चार
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कर चुका ह सा#हर। नह"ं करना चाहती मQ उसस #दन बात करक न6बर बदल िलया उसक साथ।
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बात। ,या समझ सा#हर। ऐसा भी सोचता ह 8रते बनाने का ढग तो कोई तुमसे सीख। ऐसा
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इ2सान कभी-कभी। सब कछ से मु?^ चाहता ह। कर खान पान ओट ले उसका। तेरा ÔअपनाÕ जो
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?बलकल मेर" तरह। जैसे अब भी चाय पी रह" हूं। हुआ। तेरा वह" ÔअपनाÕ तेर बार म.....।
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पर #कससे। यह" फसला कर पाना मु9कल ह मेर सा#हर ने बात अधूर" ह" छोड़ द" थी।
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िलए। बहुत पूछताछ क7 थी मQने। जानना चाहती
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#कतनी खूबसूरत थी वह शाम। थी मQ #क ,या कहा था ?ववेक ने मेर बार म5। पर
#कतनी बात5 क7 थी मQने सा#हर क साथ। *Fयेक बार एक ह" उdर #दया था सा#हर न..... वह
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मेर बार म, डायमंड क बार म5 और उसक7 क?वता ,या कहता ह यह बात अिधक मायने नह"ं रखती।
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क बार म5।... और गलती से ?ववेक क बार म5 भी। आवयक तो वह ह #क जो मQ कह रहा हूं। दूर"
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पर अब ?ववेक क नाम स भी िचढ़ जाता बना उसस। बस.....। पर तेर" तो िथऊ8रयां ह"
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ह सा#हर। अलग ह। #क उसने कौन सा उतार िलया मेरा
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मQ जानती हूं वह कभी कछ नह"ं कहता। कछ। इ2तजार कर अब बैठकर। 9जस #दन कछ
पर बहुत कछ चलता रहता ह उसक भीतर। वह ÔउतारÕ िलया उस #दन बताना।
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कहना चाहता ह #क सा#हर का छोड़ दूं या ?ववेक मQ सा#हर क पास कभी ?ववेक का नाम
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को। दोन- म5 से #कसी एक का चुनाव कर लूं। नह"ं लेती। बेशक अब भी बात करती हूं मQ उससे।
मई – जुलाई 75 लोक ह
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