Page 78 - lokhastakshar
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“पगली ! qयार तो qयार होता ह। qयार म िलए तो मQने सा#हर को qयार #कया था। #कतनी
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पहला दूसरा कछ नह"ं होता। न ह" ऐमी तेरा खुश थी मQ सा#हर को हािसल करने क बाद। मगर
पहला qयार न सा#हर दूसरा। अहसास कभी इन अफसोस.... _ह- का qयार करने वाला इ2सान
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बात- क मोहताज नह"ं होत....। 9ज
म- क7 प8र)मा करने म5 लग गया था।
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#कतना खूबसूरत शbद जाल बुनती ह वह। “मद तो होता ह" कमीना ह।
इतना खूबसूरत शbद जाल ह" तो सा#हर ने बुना डॉ. सोफ7या अकसर ऐसा कहती ह। जरा
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था। 9जसम फस गई थी मQ। #कतने तक #दए थे सी भी असFय नह"ं ह उसक7 यह बात। पर मQ ता
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उसने। उसक7 बताई प8रभाषा म5 अहसास का दूसरा असFय को ह" सFय समझ बैठl थी। #कतना
नाम ह" qयार था। 9ज
म- से आगे _ह क7 बात। खूबसूरत «म पाला हुआ था मQने अपने भीतर।
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..... और वह" _ह को qयार करने वाला इ2सान ..... पर अब जैसे सभी «म टूटते जा रह ह मेर।
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जब Ôबा8रशÕ को *तीक बनाकर ÔगुÕ सी बात “«म म5 भी जीना पड़ता ह कई दफा।
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करता ह, तब उसक सभी अथ समझ जाती हूं मQ। क?वता जीना चाहती ह «म म5। पर मQ
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uलािन आती ह जब। कमीना स यक होने का नह"ं। मQ जानती हूं सा#हर दूर जास रहा ह मुझसे।
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वांग रचता था। वह मेरा नह"ं #कसी और का ह।
जब वह ात को बा8रश हुई थी या नह"ं?” ...... और यह" सच ह।
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पूछता ह तो मुझे यह वा,य ात को सै,स #कया नई 9जंदगी आर6भ करने जा रहा ह वो।
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था या नह"ं ?” ह" सुनाई दता ह। पता नह"ं इस िछन जाएगा मुझसे सब कछ।
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सब क7 ,य- िच2ता रहती ह उसे। “आ जा ऐमी को छोड़कर, मQ तो यूं भी दो
“#दमाग खराब ह उसका। ?ववाह करवा सकता हूं। #कतनी बेहयाई से कहा था
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कभी-कभी इतना कहकर शा2त कर लेती सा#हर ने।
हूं #क मQ अपने आप को। स6भाल न पाई थी मQ अपने आप को।
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“खाने क7 तरह इसक7 भी तो भूख लगती सैल फोन फक #दया था मQने।
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ह। टक इट ईजी। क?वता खड़" भी मेर *Fय ।
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ऐसा कहता ह सा#हर अकसर। “जो 9जतना तेर #ह
स का....।
जानता हूं ,या चाहता ह वो। पर मQ ..... और पता नह"ं कब वे पल हावी हो
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क?वता हूं। नह"ं बुझ सकती मQ उसक7 qयास। गए थ मुझ पर। जब होश आई थी तो चूर-चूर
इसक िलए तो मुझे रावी होने क7 ज_रत थी। वह हुआ पड़ा था कांच फशँ पर। ...... और माथ पर
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रावी 9जसम5 ऐमी डब चुका था। कसे डबो दूं मQ बंधी हुई डॉ. वािलया क7 प ट"। डायमंड दौड़कर
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उसम5 पाक प?व< सा#हर को। आ9खर पािनय- क7 आया था अपने _म म5 से। सहम गया था बचारा।
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भी तो मया दा होती ह कोई। नह"ं तो कSच भी बाल उखाड़ डाले थ मQने अपने।
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तैर गए होते इन पर। “पापा ,या हो जाता ह ममां को ?”
पर ,या जाने सा#हर। औरत सै,स क7 ह" वह कई #दन ऐमी से पूछता रहा था।
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नह"ं, qयार क7 भी भूखी होती ह। इसी भूख क
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मई – जुलाई 78 लोक ह
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