Page 65 - lokhastakshar
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बढ़ा हुआ पट
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ह8रया आज कपास क7 फसल बेचकर आढ़ितए का #हसाब चुका आया ह, पUल पड़ ह दस हज़ार,
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ºयादा तो bयाज और ?पछल कज़ ह" खा गया। बाजार स जात जात बजाजी क7 दुकान स बSच- और
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घरवाली किलए कपड़ ह" खर"द लूँ, इसी उधड़बुन म वह बजाज क7 दुकान पर eक जाता ह।
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ष ् आ भाई ह8रया फसल आ ली होगी ए?पछला #हसाब चुकता कर द और कपड़ 9जत मज़| ल ली, तेर" घर
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क7 ह" तो दुकान सै। कहाँ सेठ जी ए हम तो ठहर गर"ब आदमी, फसल तो सार" कज़ और bयाज म ह"
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उड़ गई, य लो दो हज़ार ह" ह। अर इसस तो काम कोनी चालेए ?पसा तो ?पछल साल का छह हजार ह।
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bयाज लगानो पड़गो, म5ह भी क कराँ। मज़| ह सेठ जी, मेर पास तो इतना ह" ह। ह8रया न एक एक सूट
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सभी का लेकर ?बल पूछा, चार हज़ार स सौ कम। बहुत पैसा बना #दया सेठ जी, बस इसी बार, अगली
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बार तो गांव क कई #कसान कह रह थ #क 20.50 #कसान िमलकर गांव म ह" कपड़ क7 फ,R" लगाएंग,
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#फर कपड़ा खर"दन क7 ज_रत न रहगी। ऐसा ,या, सेठ अपन बढ़ हुए पेट को अंदर क7 ओर धंसता
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महसूस कर रहा था, माथ पर िचंता क7 लक7र उकर आई थीं। - सुरजीत िसंह िसरड़", अrयापक
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पता- गाव व डाकखाना : वैवाला, तहसील व 9जला िसरसा ह8रयाणा
मो. 94675-13601 email : sirdisinghsurjit@gmail.com
#डश वॉशर
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घर म बत न साफ करन क7 मशीन आन स सभी बेहद खुश थ। गली मोहUल क लोग भी
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उFसुकतावश चल आत दखने। इस शहर म शायद य पहला घर होगा जहाँ ऐसी मशीन आई होगी। सुना
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तो था #क ?वदश- म ऐसी मशीन होती ह अब अपन दश म भी !
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मशीन को दखन का कौतूहल कई #दन- तक बरकरार रहा। सभी तो खुश थ एक दाद" को
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छोड़कर! वह वैस भी जUद" खुश होती ह" कहाँ ह ! हर चीज म कोई न कोई कमी िनकाल ह" दती ह।
अपन कमर म बैठे सारा #दन बुड़बुड़ाती रहतीं
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बस इन मशीन- पर िनभ र हो जाओ! शम ह" नह"ं आती आजकल क बSच- को!
अब भला इसम शम क7 ,या बात! य तो गव क7 बात ह #क पहली मशीन हमार घर आई।
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सभी दाद" क7 बात सुन खूब हसते। एक #दन छोट न पूछ ह" िलया
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दाद"! मशीन आन स सभी तो खुश ह! िसफ तु6ह"ं ,य- परशान हो
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कभी सोचा ! मशीन आन स बत न साफ करन आन वाली महर" शांित क #दल पर ,या बीतती होगी !
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का घर कस चलता होगा और! और!
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और शांित क न आन पर मेरा अकलापन कस कट! आग क शbद दाद" क गल म ह" घुट कर रह गए।
- अंजू खरबंदा, 207, #Vतीय तल, भाई परमानंद कॉलोनी, #दUली
मई – जुलाई 65 लोक ह
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