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गुरब श म-गा का आलेख


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                                                                                           ु
                                                                                               े
                              वंिचत- क मसीहा महाFमा Gयोितबा फल
                                                                      े
                                                                                      े
                                                                    ु
                                               Gयोितराव गो?ब2दराव फल 19वीं शताbद" क एक बड़ समाज सुधारक,
                                                                                              े
                                                                                 Q
                                               स#)य *ितभागी तथा ?वचारक हुए ह। महारा म5 जात-पात ?वरोधी
                                               आंदोलन क7 शु_आत का इितहास Gयोितबा फल क महान {य?^Fव
                                                                                              े
                                                                                           े
                                                                                         ु
                                                        ै
                                               से जुड़ा ह। Gयोितबा, जो#क गर"ब- तथा उFपी#ड़त जाितय- क सSचे
                                                                                                       े

                                                                                           े
                                                                                                    े
                                               हमदद, महान जनवाद" तथा धम िनरपे  {य?^ थ, दिलत- क #हत- को
                                               *ाथिमकता  दने  तथा  उनक  #हत  म5  अपनी  सार"  श?^  लगा  दने  स
                                                                                                             े
                                                           े
                                                                       े
                                                                                                        े
                                                                         े
                                               कभी ?वचिलत नह"ं हुए। चाह ?वधवा ?ववाह का सवाल हो या िश ा
                                               का,  शराब  क7  दुकान-  का  मसला  हो  या  जाितवाद"  शोषण  का,
                                                          े
                                               नौकरशाह" क दमन का मसला हो या महाजन- क7 लूट तथा जमीन
                                               से #कसान- क7 बेदखली का, भारत क7 आिथ क लूट का मसला रहा हो
                                              ूँ
                                                                                                 े
               या  #फर  आम  जनता  का  पैसा  फक  कर  नया  बाजार  बनाने  का,  हर  सवाल  पर,  हर  मौक  पर,  उ2होन5
               बे#हचक  और  पूर"  तरह  िनभ य  होकर  आम  जनता  क  #हत-  क7  र ा  क7।  अछत-  क  *ित  उनका
                                                                                                े
                                                                                           ू
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               भावनाFमक लगाव अभूतपूव  और बेिमसाल था तथा उनक7 2याय क7 धारणा सभी उFपी#ड़त जाितय- पर
                                                                          ू
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               समान _प से लागू होती थी। जाितवाद" भद-भावना तो उ2ह छ भी नह"ं पाई थी। उ2ह-ने मुसलमान-
               तथा ईसाइय- क िलए भी समान दज4 क7 माँग क7। इसम5 अचरज नह"ं #क उनक आंदोलन का मूल नाम
                                                                                       े
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               “सFयशोधक” आंदोलन था। यह आंदोलन ा´ण- क7 सव„Sचता पर आधा8रत #हदू समाज-{यव
था क
                                                                                                            े
               झूठ, अ2याय और दोगलेपन का ?वरोध करने वाला आंदोलन था। उ2होन5 ा´ण- और उनक7 ?वचारधारा
                 े
                                          े
               क 9खलाफ अपना धम -युO छड़ रखा था।
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                 11 अ*ैल 1827 को महारा क सतारा 9जले म             ने  उनक7  अपार  बु?Oमता  को  पहचानते  हुए
                                                           5
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                 साधारण  माली  प8रवार  म  उनका  ज2म  हुआ।          Gयोितराव  क  ?पता  को  उ2ह  ;
कोट"श
                                                                                  ू
                 माली  जाित  को  ा¦ण-  से  िन6न  जाित  का         िमशुनस हाई 
क म भत| करने क िलए राजी
                                                                                                  े
                                                                                      5
                 माना  जाता  था।  उनक  ?पता  व  चाचा  चूं#क        #कया।  सन ्   1848  म5  एक  घटना  ने  उनक
                                      े
                                                                                                            े
                 फल- का {यवसाय करते थेए अतः प8रवार को              जीवन क7 दशा बदल द"। एक ा¦ण प8रवार
                  ू
                 ;फलेष ्   स6बोधन  से  जाना  जाता  था।  इनक7       क7  शाद"  म5  जाने  का  िनम2<ण  उ2ह  िमला।
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                                                                                                      5
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                 माता का दहांत महाFमा फले क आयु क नtव              दूUह क 8रƒतदार- ने फल को िन6न जाित का
                                                                       े
                                                                               े
                                                                         े
                                                                                          े
                                                                                    े
                 मह"ने  म5  ह"  हो  गया  था।  घर  क7  आिथ क        होने  क7  वजह  स  गािलयां  द"  व  अपमािनत
                 हालात अSछl न होने क कारण पढ़ाई बीच म               #कया।  वे  समारोह  बीच  म5  ह"  छोड़  कर  घर
                                                           5
                                       े
                 छट गई और उ2ह-न खत म5 काय  करना शु_                लौट आए और जाितवाद व बंधन- क 9खलाफ
                  ू
                                    े
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                 कर #दया। उनक मु9
लम तथा ईसाई पडौिसय-              जंग  छड़ने  का  *ण  िलया।  ;थोमस  पैनष ्   क7
                               े
                                                                          े
               मई – जुलाई                             62                                                                   लोक ह
ता र
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