Page 57 - lokhastakshar
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                                                                                                  े

                         Q
               हुए लोग ह और उसे महकते रोज गाडन म5 खड़ा           वे सारा #दन यहां लोग- क सपन- क वाउचर को
                 े
                                                                                                   Q
               दख कर ह"न भावना महसूस करते ह।                    बंडल- म5 बांध कर बोर- म5 भरते रहते ह।
                                                Q
                                                                                         े
                                                                                                      5

                       रॉक गाडन! हां! #कतना दूरदश| और ?वY              ‘‘राम *काश! ये बोर उधर 
टोर म रखो!ÕÕ
                                                                                                  ै
               {य?^  होगा,  वह  आदमी  9जसने  रॉक  जैसे  कठोर    इस मुगालते म #क वह यहां 
थाई ह, कभी-कभी
                                                                              5

                      े
                                                                                                             े
               शbद क साथ गाडन जैसा कोमल शbद जोड़ #दया।           उसक7  आवाज  म5  अित8र^  आFम?वZास  झलकन
                                                                       ै
               अवƒय  ह"  वह  पहले  ह"  ताड़  गया  होगा  #क  इस   लगता ह।
                        े
               पFथर-  क  शहर  म5  लोग-  को  «म  पाल  कर  ह"            पर  कई  अवसर-  पर  यह  आFम?वZास

               जीना  होगा।  िसफ  नोट  िगनते  हुए  और  सम
त      कdई  जवाब  द  जाता  ह।  होली  वाले  #दन,  कई
                                                                                       ै
                                                                              े
                         े
               लोग, 8रƒत-नाते दो
त-यार नंबर Vारा ह" पहचाने      दुकान- पर तो वह रट पूछने क िलए भी नह"ं _का
                                                                                           े
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               जाएंग...  703  वाली  आ—ट"...  20  सै,टर  वाल     था। ये तो महगी ह-गी। स
ती म•" qला9
टक क7
                                                            े
                                                                             ं

               अंकल...  सै,टर  17  क7  मा#कट...  गूगामाड़",      छोट"-छोट"  ?पचका8रयां...  पूरा  बाजार  छान  मारा
               गंगानगर सब भूल जाएंगे। यह भी भूल जाएंगे #क       पर कह"ं नह"ं िमलीं। हर दुकान पर ?प
तौल और
                                        ै
                 े
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               कस8रया बालम पधारो 6हार दस...                     बंदूक क7 श,ल वाली ?पचका8रयां थीं। रग भर कर
                                                                                                    ं
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                       यहां तो मेहमान क आगमन का समाचार          घोड़ा दबाओ तो दोनाली स रग क7 धार िनकलेगी।
                           े
               भी यूं चQका दता ह जैसे भूडोल।                    लाल  सुख   रग  क7  धार।  पर  इतनी  महगी...  हर
                                                                           ं
                                ै
                                                                                                     ं
                                                                                         ै
                                       ै
                       जब  वह  कहता  ह  #क  आजकल  तो  हर        ओर बस लूट ह" मची हुई ह!
                                  े
               चीज एम.एन.सीज क संकत पर... तो यार दो
त                  दुकानदार-  को  इस  बात  क7  रdी  भर
                                       े
               Ôवjडा आया कामरडÕ कह कर उसका मजाक उड़ा             परवाह नह"ं ह। लोग Fयौहार क अवसर पर बाजार
                                े
                                                                            ै
                                                                                            े
                                                                         Q
                                                                                                        ं
                                                                                      ु
                                                                                                         े
               दते ह।                                           म5 आए ह तो कछ न कछ तो ले कर जाएग ह"।
                    Q
                 े
                                                                               ु
                                                                                                    ै
                       ‘‘सर सूतली...?’’ एक मह"न-सा नार" 
वर     आजकल  जैसे  सामान  क7  #डमा—ड  ह  वह"  तो
                                                                          े
                   े
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               उसक कान- म पड़ा।                                  उपलbध रहगा बाजार म5।
                                                                                                       ै
                       वह अपनी िचंतन धारा से िनकल कर हाल               दुकानदार एक और कोिशश करता ह, ‘‘यह
                                                                                   े
               म5  लौट  आया।  हाल  जो  वाउचर-  क  बंडल,  बोर,   ले  लो  बाऊजी,  ए.क.-47,  इस  व^  तो  सब  से
                                                े
                                                            े
                                                                             ै
                  े
                                                  े
               ठेकदार Vारा सqलाई क7 गई सुंदर ल#कन मूलतः         स
ती  यह"  ह।  ?पचकार"  क7  धार  भी  दूर  तक
                                                                                                   5
                                                                       ै
                                                                                                          ै
               साधारण सी लेबर-लड़#कय- और उनक #ट#फन- स            जाती ह... यह चीनी माल ले लो, हर रज का ह।ÕÕ
                                                 े
                                                            े
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                                                                                                        Q
                                                                               5
               लगभग भरा हुआ ह।                                         उसक7 रज से अब भी सब बाहर ह। वह
                                                                                                 ै
                                                                     े
                                                                 ं
                       राGय  सरकार  ने  अपना  एक  कारपोरशन      रग- क भाव भी दरयाPत कर चुका ह। इससे पहले
                                                         े
                                                                              ं
                                                                                        ं
               भंग कर उ2ह सरqलस सैल म5 डाल #दया था। एक          कभी इतने बदरग नह"ं थे रग।
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                                                                                                        ै
                                                                                                             े
                                                                          े
               वष  तक वहां #हलगे रहने क पzात #दलीप स#हत                ए.क.-47 भी उसक7 पहुंच से बाहर ह। उस
                                         े
                 ु
               कछ अ2य को लाटर" ?वभाग म5 लगा #दया गया।           तो चा#हए होमगाड क ड—ड जैसी कोई शय... बस
                                                                                        े

                                                                                   े
                                                                #कसी  तरह  काम  चल  जाए।  पर  आजकल  तो
               मई – जुलाई                             57                                                                   लोक ह
ता र
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