Page 54 - lokhastakshar
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थान का ह" Fयौहार ह... यूं भी अभी इस रग का तो कोई िच¯ उसक हाथ, पांव, नाक-कान
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Fयौहार पर बाजार का साया नह"ं पड़ा। तीज? हां, कह"ं भी नह"ं ह, 9जससे यह *मा9णत हो #क उसन
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वह तो कह"ं जा कर सावन क मह"ने म5 आती ह। होली का Fयोहार अभी हाल ह" म5 मनाया ह।
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इस बीच चार-पांच माह तक Fयोहार- से पूण तया उसक7 बीवी ने तो यूं भी रग को कभी छआ ह"
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राहत!ÕÕ अपनी जब टटोलत हुए उसने सोचा। नह"ं ह। अब तो उसक7 रग- म5 बहते र^ क7 लाली
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सोच का चरखा चलने लगा तो चलता ह" गया... भी जवाब दती जा रह" ह। आँख- क िगद िघर
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ये Fयौहार हमारा सारा बजट ?बगाड़ कर रख दत
याह वृत और गाल व नाक पर पड़" झाईयां
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ह। एक तो हर बार ÔटालूÕ बजट, दूसरा बेतहाशा गवाह ह इस बात क7। डा,टर का कहना ह
बढ़ती महगाई और बेलगाम मुLा 9
फित। ितस पर एच.बी. कम ह, हर" स9bजय- और फल का सेवन
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समयानुकल चलने और सामा9जक दाियFव- का कर।
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िनव हन। जल पर नमक बुरकते टली?वजनी सbजी और फल का ठेला जैस उसक सामने आ
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?वYापन। ऐसे म5 उस जैसा ,लास ®ी कम चार" खड़ा हुआ हो। सbजी वाला ढाबे वाल छोकर क7
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और सोच भी ,या सकता ह..? तज पर फटाफट सार" चीज- क रट बताने लगा।
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नोटबुक एक ओर रख कर सोच क सम2दर म रट हाथ से छट चुक गैस वाले गुbबार ह- जैसे।
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ऊभचूभ हो रहा वह एक प8रिचत
वर सुनकर धीर-धीर सbजी वाले ठेले पर पड़" हर व
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िचहुंका। िच¯ म5 बदल जाती ह।
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‘‘चाय...?’’ ब9Uक अ,सर उसक स6मुख तो उसक
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फो9Uडग पलंग पर त#कया द"वार स #टकाए बैठे बSच ह" *s िच¯ बने रहते ह। ऐसा ,य- होता
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उसने पी क7 ओर दखा। पी एक ?वनती, एक ह?
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*X बनी खड़" थी। वह अ,सर सवाल ह" तो करती ‘‘कई बार इसान अपने सं
कार- क चलते या कस
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ह। नमक िमच खFम... कब लाय5ग? घी कब भी, कछ ऐसे आदश पाल लेता ह #क बाद म
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लाना ह? गैस का ,या करना ह...? चाय उनक चलत काफ7 मु9कल पेश आती ह।ÕÕ एक
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पीयोग...? #दन गुर?वंदर कह रहा था।
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‘‘सुनते हो...?’’ यह तो #दन म5 कई-कई बार पूछा गुर?वंदर भी उसक साथ ह" सरqलस सैल से यहां
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जाता ह #क अब भी सुनने क7 श?^ शेष ह या आया ह।
थाियFव वे यहां भी अनुभव नह"ं कर
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इतने सवाल सुन-सुन कर कान जवाब द गए ह? पा रह थ। अ,सर अफवाह उड़ा करती, सरकार
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इतने ढर सार *X- क बीच कछ *X िन_dर रह लाटर" पर बैन लगाने वाली ह। लाटर" ?वभाग बंद
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ह" जाते ह। कर #दया जाएगा। और उनक7 छटनी तय ह।
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#दलीप यह तय नह"ं कर पाया #क कसैलापन इस बार होली गुर?वंदर क गांव म भी नह"ं मनाई
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उसक मुंह म5 ह या चाय का
वाद ह" कसैला ह। गई थी। ?वगत साह उसका बड़ा भाई हाईकोट म
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साथ ह" चाय का रग भी।
मई – जुलाई 54 लोक ह
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