Page 56 - lokhastakshar
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चाय ठंड"  हो  रह"  थी।  Ôनौकर"-पेशाÕ  पु<  गुर?वंदर      ‘‘पर...ÕÕ

               और हलवाहा पूत सुख?वंदर पता नह"ं कहां खो गए              ‘‘पर-वर कछ नह"ं... जो इ2सान ईमानदार"
                                                                                ु
                 े
               थ।                                               क7 कमाई से पेट नह"ं भर सकता तो उसका मरना
                                                                          ै
                                                            े
                                                        ं
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                                                                                                         े
               ?वलु तो #दलीप भी रहता था, आदशo क कट"ल           ह" बेहतर ह।ÕÕ कह कर #दलीप ने उसक चहर क7
                                                                                                    े
                                                                                                       े
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               जंगल म... तब ह" तो उस अपने बSच- क7 श,ल           ओर ताका।
               *s  िच¯  सी  लगने  लगी ह।  नामालुम  कब  कौन             वह  खीझ  कर  बोला,  ‘‘तो  जाओ  भाड़  म5।
                                         ै
                                                          े
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                                 5
               सा *X खड़ा कर द। ,या मांग ल? बात टालन क           साले  तु6हार"  सम
या  और  ह।  मQ  बताऊ,  तु6हार
                                                                                                     ं
                                                                                           ै
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               िलए अगर झूठ बोला तो मरा, सच बोला तो भी           #दमाग म5 जो ह न, पुिलस का ड—डा...!ÕÕ
                                                                              ै
                                             े
               मरा। दोबारा *ित *s कर बैठ5ग, ‘वह ,य- पापा?
                                                                           े
                                                                       उसक  याल- म5 पुिलस का ड—डा ता—डव
               सामने वाले भारVाज अंकल तो...?’
                                                                करने  लगा।  उसने   याल  झटक  #दया।  कछ  पल
                                                                                                      ु
                        े
               अब  बSच  इस  बात  से  तो  प8रिचत  नह"ं  ह  #क    थमकर  बोला,  ‘‘उन  औरत-  ने  कौन-सी  ठuगी  क7
                                                        Q
                                         Q
               भारVाज अंकल #कतने «y ह। उनक7 काय  *णाली          थी,  9जनक  खाली  घड़-  पर  ला#ठयां  बरसी  थीं...?
                                                                         े
                                                   ं
                                                        ं
               पर #कसी को #कसी *कार का कोई #कतु-परतु न          पीने क पानी क िलए मटका रली ह" तो िनकाल
                                                                                             ै
                                                                              े
                                                                      े
               सह"  पर  #दलीप  पर  फौरन  लोग  हस  पड़ते  ह...
                                                          Q
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                                                                रह" थीं। ितस पर भी उन पर ड—ड बरसाए गए!ÕÕ
                                         Q
               ÔिसOांत भी तो दखो कसे ह... काम ह" पूजा और
                               े
                                    ै
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                                                                       टूटते  घड़,  टूट  क7  ?बखर  रह"  चू#डयां,
                                    े
                                              े
               ईमानदार" ह" धम ! अर धम  को लकर ,या चाटना
                                                                       े
                                                                कइय- क िसर और कलाइय- से बहता हुआ र^...
                 ै
               ह! #कसी गंगा घाट पर भी इस चीज को कोई नह"ं
                                                                _ह कपाने वाले }ƒय उसक सामने साकार हो उठे।
                                                                                        े
                                                                     ं
               पूछता।Õ
                                                                                                             े
                                                                                                    ै
                                                                       ‘पुिलस  इतनी  बेरहम  ,य-  ह?’  सोचन
                ं
                                              ं
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                                                        5
               रड"  रडापा  तो  काट  ले  पर  मुसटड  काटने  द  तब
                                                                लगा।  यूं  जैसे  एक  ड—डा  उसक  िसर  पर  भी  आ
                                                                                            े
               न! एक #दन बलबीर ने कह ह" #दया था, ‘‘#दलीप,
                                                                पड़ा हो।
               एक #दन तुम अवƒय हक7कत क7 जमीन पर आ
               जाओगे।ÕÕ                                                अ2ततः  बलबीर  ने  बात  का  िनचोड़  ह"
                                                                िनकाल  डाला,  ‘‘भाइयो,  कह"ं  यह  मQटल  ह"  न  हो
               ‘‘भाई, मQ तो अब भी जमीन पर ह" हूं।ÕÕ
                                                                जाए!  इसक7  घरवाली  और  बSच-  का  ,या  होगा
                          े
                       ‘‘अर कहां! अभी तो तुम हवा से बात5 कर     #फर? वह बेचार" तो अगर रॉक गाडन म5 घुस जाए

               रह हो।ÕÕ                                         तो िनकलने का माग  भी नह"ं तलाश कर सकती!ÕÕ
                  े
                       ‘‘पर यार...!ÕÕ                                  सब 9खल9खला कर हस #दए थ।
                                                                                                   े
                                                                                          ं
                       ‘‘अर छोड़ो, आजकल ऐसी बात5 करने वाल-              पर #दलीप को हसी नह"ं आई थी। जब वह
                          े
                                                                                      ं
                                     Q
               को लोग पFथर मारते ह।ÕÕ                           इन लोग- क ठहाक- म5 शािमल नह"ं हो पाता तो
                                                                           े
                       ‘‘पर मQ कौन सा डगडगी बजा रहा हूं? यह     ये उसको तरस का पा< समझते ह। ले#कन #दलीप
                                          ु
                                                                                               Q
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                                                                                                        5
                                                     े

                                          े
               तो तुम ह" खाहम वाह का ट2शन ले रह हो #क           को महसूस होता ह #क ये सब रॉक गाडन म खोए
               मQ ठuगी ,य- नह"ं कर रहा... यह... वह...ÕÕ
               मई – जुलाई                             56                                                                   लोक ह
ता र
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