Page 66 - lokhastakshar
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सं
मरण
लेखक - इ2Lजीत िसंह
ज2म : 3 जून 1959, कन लगंज (गोडा)
ं
िश ा : एम.ए. (अथ शा~, समाजशा~, #हद"), गोUड मेडिल
ट, पीएच.ड".
(अथ शा~)
*काशन : ‘जनक?व शैले2L’ (संपादन), साा#हक #ह2दु
तान, काद96बनी,
वसुधा, नया Yानोदय, अमर उजाला, आजकल, दिनक जागरण, दिनक
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#हदु
तान, राीय सहारा आ#द प<-प?<काओं म5 अनेक सा#ह9Fयक लख
ं
*कािशत।
अrयापक : शैले2L स6मान
5
पुर
कार : वाणी स6मान, आरभ स6मान, कL"य ?वालय संगठन का
ं
राीय *ोFसाहन पुर
कार
?वशेष : तीन वष मॉ
को (_स) से अrयापन
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*कािशत पु
तक : तू qयार का सागर ह, धरती कह पुकार क
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अब तु6हार हवाल वतन सािथयो – कफ़7 आज़मी
ं
(10 मई 2021, कफ7 आजमी सा#हब क7 19वी पुयितिथ पर भावपूण सं
मरण)
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कछ सा#हFयकार अपनी ?विशy लेखन
शैली क कारण ?वशेष नाम- से जाने
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पहचाने गए। तुलसीदास को राम क7
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म#हमा का गुणगान करन क कारण
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भ^ क?व क _प म5 अ*ितम मा2यता
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” िमली। ग़ािलब कोअंदाज़ यां
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और“शायर क _प म5 *िस?O िमली।
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*ेमचंद ने दश क7 आजाद" क िलए
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अपनी लेखनी को हिथयार बनाया और
सरल भाषा म5 जादुई शैली म5 हािशय
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पर पड़ वंिचत ,शो?षत पा<- को मु य धारा का नायक बनाया 9जसे पाठक- ने »दय से लगाया। इसिलए
5
उ2ह " उप2यास साट " और " कलम का िसपाह" "कहा गया। मैिथलीशरण गु और #दनकर ने अपनी
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अिधकांश रचनाओं म5 दश-*ेम का परचम लहराया,9जसक कारण समाज और सरकार ने उ2ह राक?व क7
5
उपािध से अलंकत #कया। नागाजु न ने जनता क7भावनाओं और सम
याओं को आम आदमी क7 भाषा म
5
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मई – जुलाई 66 लोक ह
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