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सं
मरण

                                           लेखक - इ2Lजीत िसंह

                                           ज2म : 3 जून 1959, कन लगंज (गो—डा)
                                                                                 ं
                                           िश ा : एम.ए. (अथ शा~, समाजशा~, #हद"), गोUड मेडिल
ट, पीएच.ड".
                                           (अथ शा~)

                                           *काशन : ‘जनक?व शैले2L’ (संपादन), साा#हक #ह2दु
तान, काद96बनी,
                                           वसुधा,  नया  Yानोदय,  अमर  उजाला,  आजकल,  दिनक  जागरण,  दिनक
                                                                                                         ै
                                                                                         ै
                                                                                                           े
                                           #हदु
तान,  राीय  सहारा  आ#द  प<-प?<काओं  म5  अनेक  सा#ह9Fयक  लख
                                             ं
                                           *कािशत।
                                           अrयापक : शैले2L स6मान
                                                                                     5
                                           पुर
कार  :  वाणी  स6मान,  आरभ  स6मान,  कL"य  ?वŠालय  संगठन  का
                                                                        ं
                                           राीय *ोFसाहन पुर
कार
                                           ?वशेष : तीन वष  मॉ
को (_स) से अrयापन
                                                                     े
                                                             े
                                                   ै
               *कािशत पु
तक : तू qयार का सागर ह, धरती कह पुकार क
                             5

                                                     े
                                           े
                                                                                ै
                          अब तु6हार हवाल वतन सािथयो   – कफ़7 आज़मी
                                                                    ं
                              (10 मई 2021, कफ7 आजमी सा#हब क7 19वी पु—यितिथ पर भावपूण  सं
मरण)
                                            ै
                                                                            ु
                                                                           कछ सा#हFयकार अपनी ?विशy लेखन
                                                                           शैली क कारण ?वशेष नाम- से जाने
                                                                                                            -
                                                                                 े
                                                                          पहचाने  गए।  तुलसीदास  को  राम  क7
                                                                                                     े
                                                                                                  े
                                                                          म#हमा  का  गुणगान  करन  क  कारण
                                                                                    े
                                                                          भ^ क?व क _प म5 अ*ितम मा2यता
                                                                                                          -
                                                                                                         े
                                                                                                         ब
                                                                              ”  िमली।   ग़ािलब   कोअंदाज़  यां
                                                                                       े
                                                                           और“शायर  क  _प  म5  *िस?O  िमली।
                                                                                       े
                                                                           *ेमचंद  ने  दश  क7  आजाद"  क  िलए
                                                                                                       े
                                                                           अपनी लेखनी को हिथयार बनाया और
                                                                           सरल  भाषा म5 जादुई शैली म5 हािशय
                                                                                                             े
                     े
               पर पड़ वंिचत ,शो?षत पा<- को मु य धारा का नायक बनाया 9जसे पाठक- ने »दय से लगाया। इसिलए
                   5
               उ2ह  "  उप2यास स‚ाट    " और    "  कलम का िसपाह" "कहा गया। मैिथलीशरण गु और #दनकर ने अपनी
                                                                 े
                                    े
               अिधकांश रचनाओं म5 दश-*ेम का परचम लहराया,9जसक कारण समाज और सरकार ने उ2ह राक?व क7
                                                                                                  5
               उपािध से अलंकत #कया। नागाजु न ने जनता क7भावनाओं और सम
याओं को आम आदमी क7 भाषा म
                                                                                                             5
                             ृ
               मई – जुलाई                             66                                                                   लोक ह
ता र
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