Page 87 - lokhastakshar
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जहां लेट" हुई ह हमार" आधी
मृितयाँ युO सैिनक- क7
मृित का *तीक बनाया। 10
और कर"ब ह" एक ?वकट परछाई लगातार मई , 1944 को उनक7 मृFयु हुई.
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कलबुलाती रहती ह
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यह" जीवन था हम ?वZास बनाए रखग
आहआप !
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9जसम5 हमने एक और बोझ क7 तलाश क7, जो कर रह हो ?वXाम ÇलQडस क मैदान- पर
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सड़क पर थक हुए पांव- क7 मीठl नींदनए िसर से उठने क िलए
हमने मदद क7 आपक7 द" हुई मशाल हमन थाम ली ह और
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हम5 सtपे गए थक और कमजोर हाथ, उसे ऊचा उठा िलया ह
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मील- हमने एक दूसर क भार को हUका हमार" िनxा सभी शह"द- क साथ ह
#कया,
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हम बहोश होकर िगरन को हुए #फर भी हम हम लाल पो
ता फल- क7 दखभाल भी कर रह
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आगे बढ़: ह
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यह भी जीवन था जो उग रह"ं ह उन मैदान- पर
जहां वीरता का सÈचालन #कया गया था
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जब तक ऊची जगह जाने क िलए हम मुड़ घास आसमान क7 ओर संकत करते #दखते ये फल
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क साफ़सुथर मैदान- स -, रात क अंधर म नीच कहते ह,
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सड़क पर िगर रहा था #फर से कहासा हमार" वीर- का खून कभी नy नह"ं होता
थक7 आँख- पर मग़8रबी *काश टूट रहा था ब9Uक PलQडस क मैदान- पर मृतक- क ऊपर
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बहुत सी क5 9खल5 इन फल- क7 लािलमा को एक चमक उधार
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एक पल क िलए दता ह
*कािशत हुई और वह मृFयु थी
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और अब हम अपना रह ह मृतक- क स6मान म
मोइना माइकल मशाल और लाल पो
ता
मोइना बेले माइकल का ज2म अग
त 15, 1869 भय नह"ं आप लोग शू2य म5 #दवंगत हो गए हो
को जॉ9ज या म5 हुआ . *ोफसर थी उ2ह-ने युO हम सीखगे वह सबक जो रचा ह
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पी#ड़त लोग- मदद क7युO क?व जॉन मकक्◌े . आपने ÇलQडस क मैदान- पर
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क7 युO < पर आधा8रत क?वता, 'इन ÇलQडस
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फ़7Ujस' से *भा?वत होकर उसक जवाब म 1918
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को ' वी शैल क7प द फथ' (हम ?वZास बनाए
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रखगे क?वता िलखी ('. पॉपी लेड" क नाम स जॉन ?विलयम
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*िस मोइना ने पो
ता यािन पॉपी क फल- को जॉन ?विलयम
R"स एक अंेज़ सैिनक और
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*थम ?वZयुO क क?व थ. उनका ज2म 24
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मई – जुलाई 87 लोक ह
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