Page 19 - E-Book 22.09.2020
P. 19

े

               समनवय क िलए  शासिनक संरचना म नोडल ( धान) एज सी बना  या गया और भारतीय पया वरण
                                                                            द



                                             े
               और वन नीितय  और काय  म  क काया  वयन क पूण देखभाल क जाने लगी। भारत सरकार ने दोनो
               अिधिनयम , जल (रोकथाम एवं िनय ंण) अिधिनयम, 1974 एवं वायु (रोकथाम एव िनय ंण) अिधिनयम
                                                                                        ं
               1981, का कड़ाई से अनुपालन करने क िलए सन् 1986 मे “पयावरण (संर ण) अिधिनयम” क  थापना

                                                 े

                    क
                  ।

                                                                           े
                                                                  य
               क   तु बढ़ते  ए औ ोिगक एवं अ य गितिविधय  क   ा वयन क कारण  दूषण भी बढ़ता गया, साथ
                                                              े
                                                                                  र
                                                                                                         ा
               ही साथ बढ़ते  दूषण का असर जलवायु पर भी पड़ने लगा तथा “जलवायु प वत न” भी एक अहम मु


               बन गया । इसी क नीितगत बचाव एवं िनयं ण क िलए सन् 2014 म पयावरण एवं वन मं ालय का नाम
                                                          े
                              े
               बदल कर “पयावरण, वन एवं जलवायु प वत न मं ालय” कर  या गया। िजसम जलवायु प वत न से
                                                                                                  र


                                                                        द
                                                    र
               संबि धत  दूषण  क रोकथाम एवं बचाव क िलए नीित तैयार कर अनुपालन कराया जाने लगा।

                                                     े


                                                                                      े
                                                                               े
                       टी. एन. गोडावरमन िथ मुलपाद बनाम भारत संघ और अ य क मामल म  वष  1995 क  ट
                                                                                                       र
                                                                                               ा
               यािचका सं या 205 म लफाज  उिमयम माइ ग  ा. िल. और अ य से स बंिधत आई.ए.  रा दज  वष
                                                       न

               2007  क आई.  ए.  सं या  1868  म  नांक  06.07.2011  को  भारत  क  माननीय  सव     यायालय  क
                                                                                                         े
                                                द
                                                                              े

                                                                                                     द

                       े

               आदेश  क  अनुपालन  म ,   य  िव   सिमित  ने  सिचव  (पयावरण  और  वन)  क अ य ता  म    नांक

               04/03/2013 को  ई अपनी  बैठक मे अिधक एवं लगातार िनरी ण और   ताव  क गहराई से जांच और
                                                                               र

                                                                                                         े

                                   े
                                             द


               मू यांकन क सुिवधा क िलए नई   ली म पयावरण, वन एवं जलवायु प वत न मं ालय म एक िह से क



                                                     े
                          द
                प म नई   ली म एक मु यालय इकाई क साथ चे ई, देहरादून, नागपुर और रांची म उनक मु यालय
                                                                                                े
                                                                                                े
                 े
               क साथ चार और  े ीय काया लय  को  थािपत करने का िनण य िलया गया। भारत सरकार क पयावरण,

                                 र
               वन एवं जलवायु प वत न मं ालय ने भारत क राजप  एस. ओ. 1999(ई)  नाँक 14.11.2002 एवं
                                                                                    द
                                                         े
                                 द
               एस.ओ.  1200(ई)   नाँक  14.11.2002  मे  दी  गयी  शि य   का   योग  करते   ए  पया वरण  (संर ण)
               अिधिनयम,1986 मे सलाहकार, िनदेशक, अित   िनदेशक, सयुं  िनदेशक, एवं उप िनदेशक को  सी
                                                         र
                                                                                                      क
               भी औ ोिगक प सर मे िनरी ण करने क अनुमित  दान क है।

                              र


                                                                                                   े
                                                                              े

                                                  र
                       पयावरण, वन एवं जलवायु प वत न मं ालय ने सभी  कार क उ ोग-ध ध  को उनक  दूषण
                        े

               उ सज न क माप-द डो को  यान म रख कर चार  मुख वग  म  बांटा:
               1. लाल:     औ ोिगक  े  म िजसका  दूषण इडे स  कोर 60 या इससे ऊपर हो,
                                                        ं

                                                        ं
                     ं
               2. नारगी:   औ ोिगक  े  म  िजसका  दूषण इडे स  कोर 41 से 59 हो,
               3. हरा:      औ ोिगक  े  म िजसका  दूषण इडे स  कोर 21 से 40 हो,

                                                        ं
                                                        ं
                     े
               4. सफ़द:    औ ोिगक  े  म िजसका  दूषण इडे स  कोर 20 या इससे कम हो.


                                                           18
   14   15   16   17   18   19   20   21   22   23   24