मेरी शीतलता.............. मेरी पिव ता............... मेरी अिवरलता, मेरी िनवा ध। देखोगे तुम, एक न होगे आबाद।। द मुझे नीर दो, ीर सागर बना दो। पु पद क माला से, खुद को सजा लो।। *********** 14