Page 13 - E-Book 22.09.2020
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मन क ही कहती जा,
                       वो िबछड़ा  नारा, खुद आ बंधेगा,
                                 क
                       ये िबखरा  आ पल, खुद ही सधेगा,

                       नह  मौज कोई, तू तो नदी है,

                       नह  एक ल हा, तू पूरी सदी है,

                          ै
               तू खोएगी कसे,
               गुम होएगी कसे,
                           ै
               नदी ओ नदी, तू तो पूरी सदी है,

               नदी, ओ नदी, तू  फर  यू बंधी है।
                                     ं



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