मन क ही कहती जा, वो िबछड़ा नारा, खुद आ बंधेगा, क ये िबखरा आ पल, खुद ही सधेगा, नह मौज कोई, तू तो नदी है, नह एक ल हा, तू पूरी सदी है, ै तू खोएगी कसे, गुम होएगी कसे, ै नदी ओ नदी, तू तो पूरी सदी है, नदी, ओ नदी, तू फर यू बंधी है। ं *********** 12