Page 58 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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“हाँ,” अमीर डैडी ने कहा। “सोचने क े  िलए अपनी भावनाओं का इ तेमाल करना सीखो,

               अपनी भावनाओं क े  बहाव म  आकर मत सोचो। जब तुम लोग मु त म  काम करने क े  िलए तैयार
               हो गए थे तो तुमने अपनी भावनाओं को क़ाबू म  रखना सीख िलया था। तभी म  समझ गया था
               िक तुमसे उ मीद क  जा सकती है। जब म ने तु ह   यादा तन वाह का लालच िदया तब तुमने
               एक बार िफर भावनाओं क  बात नह  मानी। तुम ताक़तवर भावनाओं क े  बावजूद सोचना सीख
               रहे थे। यह पहला क़दम था।”

                     “यह क़दम इतना मह वपूण   य  है?” म ने पूछा।

                     “यह तुम अपने आप जान जाओगे। अगर तुम सीखना ही चाहते हो, तो म  तुम लोग  को
                ायर पैच म  ले जाऊ ँ गा। यह वह जगह है िजससे लोग बचते ह । म  तु ह  उस जगह पर ले जाऊ ँ गा

               जहाँ जाने म   यादातर लोग  को डर लगता है। अगर तुम मेरे साथ जाओगे, तो तु हारे मन से पैसे
               क े  िलए काम करने का िवचार िनकल जाएगा। इसक े  बजाय तुम यह सीखोगे िक पैसे से क ै से
               काम िलया जा सकता है।”

                     “और अगर हम आपक े  साथ जाते ह  तो हम   या िमलेगा? अगर हम आपसे सीखने क े  िलए
               तैयार होते ह  तो हम   या िमलेगा?” म ने पूछा।

                     “वही जो  ायर रैिबट को िमला था” अमीर डैडी ने कहा। “टार बेबी से आज़ादी।”

                     “ या ऐसा कोई  ायर पैच होता है?” म ने पूछा।


                     “हाँ,” अमीर डैडी ने कहा। “डर और लालच ही  ायर पैच ह । अपने डर से पीछा छ ु ड़ाकर,
               अपने लालच का सामना करक े , अपनी कमज़ो रय  और ज़ रत  को पहचानकर ही हम बाहर
               िनकलने क े  रा ते तक पह ँच सकते ह । और बाहर िनकलने का रा ता हमारे िदमाग़ से होकर
               गुज़रता है, सही िवचार  को चुनने से।”

                     “िवचार  को चुनने से?” माइक ने आ य चिकत होकर पूछा।

                     “हाँ, इस िवचार को चुनकर िक हम  या सोच गे, बजाय इसक े  िक हम अपनी भावनाओं म
               बहकर लगातार  िति या करते रह । सुबह उठने और काम पर जाने से ही आपक  सम याएँ नह
               सुलझ जात ,  य िक िबल चुकाने क े  िलए पया   पैसा न होने का डर आपको सताता रहेगा।

               सोचने से आपको ख़ुद से एक सवाल पूछने का समय िमलता है। इस तरह का सवाल, ‘ या इस
               सम या का सबसे बिढ़या समाधान इस पर और  यादा मेहनत करना है?’  यादातर लोग इतनी
               बुरी तरह घबराए होते ह  िक वे ख़ुद अपने आपको असली बात नह  बताते - िक डर हावी हो रहा
               है - और नतीजा यह िनकलता है िक वे सोच ही नह  पाते और इसक े  बजाय दरवाज़े से बाहर दौड़
               लगा देते ह । टार बेबी हावी हो जाती है। अपने िवचार चुनने से मेरा यही मतलब था।”

                     “पर हम ऐसा िकस तरह कर गे?” माइक ने पूछा।

                     “यही तो म  तु ह  िसखाने वाला ह ँ। म  तु ह  यह िसखाऊ ँ गा िक तु हारे पास चुनने क े  िलए

               िवचार  क े  िवक प होने चािहए, तािक तुम हड़बड़ी म  काम करने से बच सको, जैसे अपनी सुबह
               क  कॉफ़  पीकर दरवाज़े से बाहर दौड़ लगाने क  आदत से।
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