Page 54 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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“िबलक ु ल पड़ती है,” अमीर डैडी मु कराए। "म िसफ़ यह कह रहा ह ँ िक उनक े डर क े
कारण उनक े मन म यह िवचार आता है।”
“म समझ नह पाया,” माइक ने कहा।
अमीर डैडी ने कहा, “अगर आपक े मन म पैसे क कमी का डर जाग जाए तो त काल
नौकरी ढूँढ़ने क े िलए दौड़ मत लगाइए तािक क ु छ पय क े सहारे उस डर को मार िदया जाए।
इसक े बजाय आप ख़ुद से यह सवाल पूिछए। ‘ या लंबे समय म इस डर का सबसे बिढ़या इलाज
नौकरी है?’ मेरे याल से इसका जवाब ‘नह ’ होता है। ख़ासकर जब आप िकसी आदमी क पूरी
िजंदगी को देखते ह । नौकरी दीघ कालीन सम या का अ पकालीन समाधान है।”
“परंतु मेरे डैडी हमेशा कहा करते ह , ‘ क ू ल म पढ़ो, अ छे नंबर लाओ, तािक तु ह एक
सुरि त और अ छी नौकरी िमल सक े ।’ “म ने हड़बड़ी म बोल ही िदया।
“हाँ, म समझ सकता ह ँ िक वे ऐसा य कहते ह ,” अमीर डैडी ने मु कराकर कहा।
“ यादातर लोग ऐसी ही सलाह देते ह और यादातर लोग क े िलए यह एक अ छा िवचार होता
है। परंतु लोग क इस सलाह क े पीछे भी डर छ ु पा होता है।”
“आपका यह मतलब है िक मेरे डैडी ऐसा इसिलए कहते ह य िक वे डरे ह ए ह ?”
“हाँ,” अमीर डैडी ने कहा। “वे घबराए ह ए ह िक शायद तुम पैसा नह कमा पाओगे और
समाज म िफ़ट नह हो पाओगे। मुझे ग़लत मत समझना। वे तु ह यार करते ह और तु हारा भला
चाहते ह । और म सोचता ह ँ िक उनका डर सही भी है। िश ा और नौकरी मह वपूण ह । परंतु इससे
डर का इलाज नह होगा। वही डर जो उ ह सुबह उठकर क ु छ पए कमाने क े िलए े रत करता
है, उसी डर क े कारण वे तु हारे क ू ल जाने पर इतना ज़ोर देते ह ।”
“तो आपक सलाह या है?” म ने पूछा।
“म चाहता ह ँ िक तु ह पैसे क ताक़त पर क़ाबू पाना िसखाऊ ँ । पैसे का डर तु हारे िदमाग़
से िनकल जाना चािहए। और यह क ू ल म नह िसखाया जाता। अगर तुम इसे नह सीखोगे, तो
तुम पैसे क े ग़ुलाम बन जाओगे।”
अब उनक बात मेरी समझ म आ रही थ । वे हमारे िवचार को यादा यापक बनाना चाहते
थे। वे चाहते थे िक जो िमसेज़ मािट न नह देख सकती थ , उनक े कम चारी नह देख सकते थे,
या मेरे डैडी तक नह देख सकते थे, वह देखने क यो यता हमम आ जाए। उ ह ने जो उदाहरण
िदए थे वे उस समय कठोर ज़ र लग रहे थे, लेिकन म उ ह कभी नह भूला। मेरा नज़ रया उस
िदन बह त बड़ा हो गया था। अब म उस जाल को देख सकता था, जो यादातर लोग क े सामने
िबछा होता है।
“देखो, आिख़रकार हम सभी लोग कम चारी ह । हम क े वल अलग-अलग तर पर काम
करते ह ,” अमीर डैडी ने कहा। “म तुम लोग से बस यही चाहता ह ँ िक तुम लोग इस जाल से बचे
रहो। डर और लालच, इन दो फं द से बनने वाले जाल से। इनका इ तेमाल अपने समथ न म करो,
अपने िवरोध म नह । म तुम लोग को यही िसखाना चाहता ह ँ। म तुम लोग को यह नह