Page 56 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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“ही। और उ क े साथ-साथ तु हारे िखलौने भी यादा महँगे होते जाएँगे। अपने दो त पर
रौब झाड़ने क े िलए एक नई कार, एक नाव और एक आलीशान घर,'' अमीर डैडी ने मु कराकर
कहा। “डर आपको दरवाज़े से बाहर ध का देता है, इ छा आपको अंदर बुलाती है। आपको
चट् टान क तरफ़ ललचाती है। यही जाल है।”
“तो इसक काट या है?” माइक ने पूछा।
“डर और इ छा अ ान क वजह से बढ़ते ह । इसिलए अमीर लोग क े पास िजतना यादा
पैसा होता है, उनका डर भी उतना ही यादा बड़ा होता है। धन ही गाजर है, म है। अगर गधा
पूरी त वीर देख सकता तो शायद वह गाजर का पीछा करने क े अपने फ़ ै सले पर दुबारा सोचता।”
अमीर डैडी ने आगे यह समझाया िक आदमी क िज़ंदगी अ ान और ान क े बीच होने
वाला संघष है। उ ह ने बताया िक एक बार कोई आदमी ख़ुद क े बारे म ान क खोज करना बंद
कर देता है, तो उसक िज़ंदगी म अ ान घुस जाता है। यह संघष हर पल होता है। इसीिलए हम
यह फ़ ै सला करना है- यह सीखना है िक अपने िदमाग़ को खुला रखा जाए या इसे बंद कर िलया
जाए।
“देखो, क ू ल बह त यादा मह वपूण है। आप क ू ल इसिलए जाते ह तािक आप वहाँ कोई
कला या यवसाय सीख सक और इस तरह से आप समाज म योगदान दे सक । हर समाज म
िश क , डॉ टर , मैक े िनक , कलाकार , रसोइय , यावसाियक लोग , पुिलस अफ़सर ,
दमकलकिम य और िसपािहय क ज़ रत होती है। क ू ल उ ह यह सब िसखाते ह तािक हमारा
समाज िवकिसत हो सक े और हमारी सं क ृ ित समृ हो सक े ,” अमीर डैडी ने कहा। “दुभा य से,
कई लोग क े िलए क ू ल िश ा का अंत होता है, शु आत नह ।”
एक लंबी ख़ामोशी छाई रही। अमीर डैडी मु करा रहे थे। उस िदन उ ह ने जो कहा था, वह
म पूरी तरह से नह समझ पाया था। परंतु यादातर महान िश क क े श द साल तक हम
िसखाते रहते ह । उनक े श द इसी तरह से आज भी मेरे साथ ह ।
“म आज थोड़ा िनम म ह आ” अमीर डैडी ने कहा। “एक वजह से िनम म ह आ। म चाहता था
िक तुम लोग को आज क यह चचा हमेशा याद रहे। म चाहता ह ँ िक तुम लोग हमेशा िमसेज़
मािट न क े बारे म सोचो। म चाहता ह ँ िक तुम लोग हमेशा उस गधे क े बारे म सोचो। इ ह कभी मत
भूलना। अगर तुमने अपनी समझदारी से उ ह क़ाबू म नह िकया तो डर और लालच क तु हारी
दोन भावनाएँ तु ह िज़ंदगी क े सबसे बड़े जाल म फ ँ सा सकती ह । अपनी िज़ंदगी को डरते-डरते
गुज़ारना, अपने सपन को पूरा न करना िनम मता है। यह भी िनम मता है िक पैसे क े िलए कड़ी
मेहनत क जाए और यह सोचा जाए िक पैसे से ख़ुरीदी गई चीज़ सुख दे सकती ह । िबल चुकाने
क े डर से घबराकर आधी रात को जागना जीने का एक भयानक तरीक़ा है। तन वाह क े िहसाब
से िज़ंदगी जीना भी कोई जीना है। यह सोचना िक कोई नौकरी आपको सुर ा का एहसास दे
सकती है ख़ुद से झूठ बोलना है। यह िनम मता है और यही वह जाल है िजससे म तु ह बचाना
चाहता ह ँ। म ने देखा है िक पैसा िकस तरह से लोग क िज़ंदिगय को चलाता है। ऐसा अपने साथ
मत होने देना। भगवान क े िलए पैसे को अपनी िज़ंदगी मत चलाने देना।”