Page 55 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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िसखाना चाहता िक ढेर सारा पैसा क ै से इकट् ठा कर िलया जाए। उससे डर या लालच को नह

               जीता जा सकता। अगर तु ह  डर और लालच पर क़ाबू पाना नह  आता, तो तुम चाहे िकतने भी
               अमीर बन जाओ, असिलयत म  तुम एक बड़ी तन वाह पाने वाले ग़ुलाम ही रहोगे।”

                     “तो हम िकस तरह इस जाल से बच सकते ह ?” म ने पूछा।

                     “ग़रीबी या पैसे क  तंगी का ख़ास कारण डर और अ ान होता है, न िक अथ  यव था या
               सरकार या अमीर लोग। यह ख़ुद का ओढ़ा ह आ डर या अ ान होता है जो लोग  को इस जाल म
               फ ँ साए रखता है। इसिलए तुम ब च  को  क ू ल जाना चािहए और अपने कॉलेज क  पढ़ाई पूरी
               करनी चािहए। म  तुम लोग  को यह ज़ र िसखाऊ ँ गा िक इस जाल से क ै से बचा जा सकता है।”

                     पहेली क े  टुकड़े अब सामने आ चुक े  थे। मेरे पढ़े-िलखे डैडी क े  पास बड़ी िडि याँ थ  और

               एक बिढ़या क रयर भी था। परंतु  क ू ल ने उ ह  यह कभी नह  िसखाया िक धन या अपने डर को
               िकस तरह से क़ाबू म  रखा जाता है। अब म  समझ चुका था िक म  अपने दोन  डैिडय  से अलग-
               अलग परंतु मह वपूण  बात  सीख सकता ह ँ।

                     “तो आप पैसा न होने क े  डर क े  बारे म  बात कर रहे थे। पैसे क  इ छा िकस तरह हमारी
               सोच पर असर डालती है?” माइक ने पूछा।

                     “तु ह  तब क ै सा महसूस ह आ था जब म ने तु हारी तन वाह बढ़ाने का लालच िदया था?
                या तुमने यह देखा था िक तु हारी इ छाएँ िकस तरह बढ़ रही थ ?”


                     हमने अपने िसर िहलाकर हामी भरी।
                     “पर तुमने अपनी भावनाओं क े  सामने हार नह  मानी और इस कारण तुम लोग  ने

               ज दबाज़ी म  काम नह  िलया। इससे तु ह  सोचने का व त िमल गया। यह सबसे मह वपूण  है।
               हमम  हमेशा डर और लालच क  भावनाएँ रह गी। इसी  ण से, तुम लोग  क े  िलए यह सबसे
               मह वपूण  है िक तुम इन भावनाओं का इ तेमाल अपने समथ न म  करो और लंबे समय तक ऐसा
               करो। अपनी भावनाओं को अपने िदमाग़ पर हावी मत होने दो और इस तरह अपने िवचार  को
               दूिषत मत होने दो।  यादातर लोग डर और लालच का इ तेमाल ख़ुद क े  िवरोध म  करते ह । यह

               अ ान क  शु आत होती है। डर और इ छा क  भावनाओं क े  कारण ही  यादातर लोग तन वाह
               क े  चेक, तन वाह म  बढ़ोतरी और नौकरी क  सुर ा क े  पीछे भागते-भागते अपनी पूरी िज़ंदगी
               िनकाल देते ह । असल म  वे यह सोचते ही नह  ह  िक भावनाओं क े  आधार पर बने ह ए ये िवचार
               उ ह  िकस तरफ़ ले जा रहे ह । यह तो वही बात हो गई िजसम  गाड़ी ख चने वाले गधे क े  सामने
               उसका मािलक गाजर लटकाए रखता है जो उसक  नाक क े  ठीक सामने होती है। गधे का
               मािलक जहाँ जाना चाहता है, वहाँ जाता है परंतु गधा तो लालच क े  कारण भाग रहा है। कल गधे
               क े  िलए दूसरी गाजर, आ जाएगी, और गधा उसका पीछा करने लगेगा।”


                     “आपक े  कहने का मतलब यह है िक िजस समय म ने नए बेसबॉल  ल ज़, क   डी और
               िखलौन  क े  सपने देखना शु  िकया, उस समय मेरी हालत उस गधे क  तरह हो गई थी जो
               गाजर क े  पीछे भागता है?” माइक ने पूछा।
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