Page 311 - E-Magazine 2016-17
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र्वमुद्रीकरण के  प्रभाव


           सरकार के  500 और 1000 के  नोटों के  पवमुद्रीकरर् के  इस फै सले से भारत में भ्रष्ट्टाचार कम करने में मद्द
           शमलेगी । काले धन रखने वाले लोग भुगतान—करों से नहीं बचेगें । सबसे अचधक काले धन की लेन-देन 500
           और 1000 के  नोटों में होती है । नोट िमाखोरी, नकद तनकासी की सीमाओं के  कारर् बहत मुजश्कल हो गया है
                                                                                           ु
           । इससे िी.एस. टी की प्रगतत की संभावना बढ़ेगी । इससे देि में नकद पररसंचरर् कम होगा , पारदशिाता होगी
           और भ्रष्ट्टाचार कम होगा । यह नकली मुद्रा और छली धन, िो भारत में आतंकवाद को बढ़ाने के  शलए
           आतंकवादी संगिनों द्वारा प्रयोग में लाया िाता है, समाप्त हो िाएगा । इससे अथाव्यस्था में, अवैध मुद्रा की

           मात्रा में कमी आएगी ।
            इससे भुगतान कर में तेज़ी होगी । पवत्तीय अपराध, काले धन को वैध बनाने के  शलए अपतदीय बैंक खातों में
           कमी आएगी । कं पतनयों के  ढााँचे अचधक मुजश्कल हो िाएाँगें । हमें नए नोट की कमी का सामना कर पड़ सकता
           है, लेफकन हमें पवश्वास है फक भपवष्ट्य में इससे हमारे देि को समृद्ध बनाने में मद्द शमलेगी । पवमुद्रीकरर् से

           सरकार के  पास पैसों की आयत होगी और अचधक कर शमलेगा, इस तरह गरीबों को सहायता भी शमलेगी । इस
           नए कदम से अनेक नए बैंक खाते खुलते देखे गए। जिससे शसफ़ा  देि को ही सहायता शमलेगी और भारत में
           कै िलेस अथाव्यस्था की ददिा में मागा प्रिस्त होगा ।

           जिन लोगों ने अपनी वास्तपवक संपपत्त की िानकारी नहीं दी है, उनके  शलए समस्या होगी । काले धन का खुलासा
           करने की अंततम चेतावनी समाप्त हो गई और अब काले धन पर बहत भारी कर लगाया िा रहा है । काला धन
                                                                        ु
           इकट्िा न करना, यह लोगों के  शलए एक तनवारक (रोक लगाने के  ऱूप में) का काया करेगा । अल्पावचध में पुराने

           नोटों  का  आदान-प्रदान  समस्या  पैदा  कर  सकता  है,  लेफकन  लंबे  समय  में  पैसे  नागररकों  के   कल्यार्  के   शलए
           इस्तेमाल फकए िाएाँगें ।
           यद्यपप इस कदम की िुऱूआत का यह उचचत समय नहीं था । रबी की फसल की बुआई का समय और घरों में

           पववाह - मंगल का समय था । लेफकन यह रािनीततक चतुराई है क्योंफक कर माफ़ी योिना के  बाद का समय
           समाप्त हो गया था । अंतत: यह आचथाक गततपवचध को बढ़ावा देगा । यह कदम काले धन की चगरफ़्त तथा उन
           लोगों के  शलए स्पष्ट्ट संके त देता है फक नई सरकार के  तहत वे अपने ऐसे दातयत्वों से भाग नहीं सकते ।
           मोदी सरकार के  इस साहशसक कदम का यह स्पष्ट्ट संदेि है फक इस नई सरकार के  तनयमों के  तहत वे बच नहीं

           सकते, जिन्हें सहायता की आवश्यकता है , वे उन्हें धोखा नहीं दे सकते । इस कदम से िनता के  पैसों  के
           दुरुपयोग को रोका िा सके गा और उम्मीद है फक एक भ्रष्ट्टरदहत समाि और देि की स्थापना होगी ।

                                                                                     षिवर्िन – सािवीिं एच


                                                “मेक इन इिंडिया”

         प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी िी ने स्वंतंत्रता ददवस 15 अगस्त 1947 को लाल फकले से पहली बार “मेक इन इंड़डया” की

         घोषर्ा की थी। योिना के  तहत अच्छी और ज़रुरत की चीज़ों का तनमाार् ज़्यादा से ज़्यादा भारत में ही हो। ’मेक
         इन इंड़डया” के  द्वारा पवदेि की कई कं पतनयााँ भारत में वस्तुओं का तनमाार् कर सकती हैं और पैसे भी तनवेि
         कर सकती हैं जिससे भारत और पवदेिी कं पनी को लाभ शमलेगा।

         अशभयान को एक सफल अशभयान बनाने के  शलए अलग-अलग 500 धनी कं पतनयों के  प्रमुख 40 सी ई ओ से
         प्रधानमंत्री ने मुलाकात की। यह देि के  युवाओं के  शलए रोज़गार का एक सरल रास्ता उपलब्ध करवाता है और
         िल्द ही भारत गरीबी के  स्तर घटाने में भी मदद करेगा।
         “मेक इन इंड़डया” अशभयान सभी मुख्य तनवेिकों को एक लाभदायक अवसर उपलब्ध करवाता हैं। आप भारत आये

         और उपग्रह से पनडुब्बी,ऑटोमोबाइल से क ृ पष मूल्य योग,पवदयुत से इलेक्रॉतनक आदद फकसी व्यवसाय  में तनवेि
         करें।

                                                                                        ितनष्का वाशी 7 -F
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