Page 24 - karmyogi
P. 24

"िलवाि सिक्षण न्याि का गिि"





               पवद्यालयों की िफल स्थापिा
                                                                                                                                                                      े
                                                                                                                               िर्जन्वत सिक्षा का उद्दश्य सलए
                ि िन्र्ी थी एक कार्िा ----
                  े
                                                                                                                                 िीनतनिर्ामताओं की िल रिी थी
                   िो एक िसर्नत का निर्ामण,
                                                                                                                                              चिंति प्रकक्रया,
                         े
       िो रख िक पवद्यालय का पविेष ध्याि,
                                                                                                                               स्वप्ि र्ें भी ल रिी थी आकनत
                                                                                                                                                        े
                                                                                                                                                                              ृ
                        थी यि बडी िुिौती,
                                                                                                                                                                      ं
                                                                                                                               अब सिक्षक - छाि की अत: कक्रया,
            कि िो गहित एक िम्पूणम िसर्नत?
               ै
                  े
                                                                                                                            अततः १८३८ (1938)र्ें िआ उहदत
                                                                                                                               ं
                                                                                                                                                                     ु
                         िसर्नत की दृजपट
                                                                                                                                            वि िुभ पविाि,
                कर रिी थी गिि अिुिंधाि,
                                                                                                                                            िो कर रिा था
           ििां िर्ाि और सिक्षा को िर्जन्वत
                                                                                                                                    िवनिसर्मत िलवाि सिक्षण
               करिा िो सिक्षापवदों की िाि।
                                                                                                                                          न्याि का िम्र्ाि।
   19   20   21   22   23   24   25   26   27   28   29