बिा यि छािों का भपवपय निर्ामता,
             अथक                 प्रयािों ि िआ िुिोसभत
                                                      े
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                           यि िररि पवधाता।
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                    पिावर क पवद्यालयों र्ें ,
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                      िलवाि सिक्षण न्याि ि                            े
                        डाल हदया  था प्राण।
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            िसर्नत क वक्ष पर एक एक िदस्य
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                               था पुपप िा लगा,
                      चगरधारी की अध्यक्षता                            र्ें
                                                               ं
        इि वक्ष - िसर्नत का िवाकरण िआ।
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