Page 25 - karmyogi
P. 25

बिा यि छािों का भपवपय निर्ामता,


             अथक                 प्रयािों ि िआ िुिोसभत
                                                      े
                                                          ु
                           यि िररि पवधाता।


                       े
                    पिावर क पवद्यालयों र्ें ,
                                      े
                      िलवाि सिक्षण न्याि ि                            े

                        डाल हदया  था प्राण।


                              े
            िसर्नत क वक्ष पर एक एक िदस्य
                                     ृ
                               था पुपप िा लगा,


                      चगरधारी की अध्यक्षता                            र्ें


                                                               ं
        इि वक्ष - िसर्नत का िवाकरण िआ।
                                                                 ु
                      ृ
                                                                             ु
   20   21   22   23   24   25   26   27   28   29   30