Page 20 - karmyogi
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     "प्रथर् पवद्यालय की स्थापिा"
                                        े
                               बुिि लगी आँखें
                                                   ं
                                                     े
                     िब पवद्यालय क स्वप्ि,
                             िुड गए िभी िाधि
                  तप्त िआ चगरधारी का र्ि,
                     ृ
                               ु
               आखखर आ िी गई वि िुभ घडी
                                  िब १९४३ र्ें
              ' ििाति धर्म उच्ि पवद्यालय '
                                  की िींव पडी।                                                                                       यि पवद्यालय था
                                                                                                                         अद्भुत सिल्पकला का दृपटात,
                                                                                                                                                                              ं
                                                                                                                           िॉिम कनिंघर् क िंबोधि र्ें
                                                                                                                                                           े
                                                                                                                                                ं
                                                                                                                   अिायाि िी गूि उिा इिका िम्र्ाि,
                                                                                                                                             े
                                                                                                                       राज्यपाल क प्रिंिात्र्क िब्दों र्ें
                                                                                                                          स्वरबद्ध िआ इिका गुणगाि।
                                                                                                                                                ु
                                                                                                                                       अब चगरधारी की
                                                                                                                   ित्यनिपिा,कर्मिता और िच्िररिता
                                                                                                                              का उच्ि िोता गया िोपाि।





