Page 18 - karmyogi
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सिक्षण उद्दश्यों को,
                                                      े

                                      हदखा रिा था

                                      िर्ाि  दपमण,


                              ज्ञात था उि सिक्षापवद् को

                                    िार्ान्य ििीं ,


                                   पविेष गनत ि                े


                              ै
                    े
                  दिा ि इि कायम को पूणम िर्पमण।
                           उि दृढ़ और अटल र्ि ि                               े


                                                 े
                        सिल्पकला ि सिक्षक तक ,
                         िबका ककया अपूवम िंयोिि।


                             इि भवि क निर्ाण र्ें
                                                                    म
                                                       े
                         तरािा गया था िर पाषाण,

                             सर्टाकर िानत,धर्म,िंप्रदाय,


                                पवद्यालय का पोिाक

                          भी पा रिा था िई पििाि ।
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