Page 56 - Akaksha (8th edition)_Final pdf
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ं
                                 कोरोना महामारी की सचचाई और सवेदना
                                        “मैंन उस जब-जब दखा-लोहा दखा
                                                े
                                                          े
                                                                   े
                                            े
                                   लोहा जैसा ्प्े दखा, गल्े दखा, ढल्े दखा
                                                                         े
                                                              े
                                                   े
                                                           े
                                                                   े
                                        मैंन उसको गोली जैस िल्े दखा”
                                           े
                            ब्यू्ी गुप्ा,                                           -कदािना्थ अग्रवाल
                                                                                      े
                            कतनष्ठ अनुवादक
                                                      ें
             कोरोिा  का  िौर  िुिौनतयों  का  िौर  ह।  इसम  अपिे  अजसततव  को  बिा  लेिा  िाहते  हैं  या  दफर
                                               ै
         िहा एक ओर अंिपवविास, िानम्षक पाखंर, कम्षकार,  अपिे को उसी नमटटी में नमला ििा िाहते हैं।
             ँ
                                                    ं
                                                                                      े
         पोंगापंथी,  हवानियत,  र्ैतानियत,  अजसततव  का
                    ै
                                                                                 े
                                                            गावों की यात्रा मििूरों क नलए लोमहर्षक त्रासिी
                                                              ँ
                                   ं
         संकट, सामाजिक पवसंगनतया, मकाि मानलकों की
                                                          े
                                                        स भी भयावह थी। कोलतार की काली सडकों पर,
                                            े
         संवििहीिता, मििूरों की पवभीपरका, रल िुघा्षटिा,
            े
                                                              ें
                                                                             े
                                                                                     ँ
                                                                                े
                                                                   े
                                                        पैरों म छाल नलए, भूख पट, गावों की ओर पैिल
                                   े
         सकड िुघ्षटिा, िीख-पुकार, पट की आग तथा भूख
                                                             े
                                                                                                ै
                                                        िलत रहिा, इसी यथाथ्ष को निपत्रत करता ह। इि
         की पीडा को उद्ादटत दकया गया ह तो िूसरी ओर
                                        ै
                                                                                             ं
                                                        मििूरों की त्रासिी और पी डा का अंत िही।
         भाईिारा,  सौहाि,  मैत्री,  िोसती,  सद्ाव,  मािवता,
                        ्ष
                                                            समकालीि  कपवयों  ि  मििूरों  की  तकलीफ,
                                                                                े
         इसानियत, मिुषयता, सदहषणुता, सहयोनगता, सवा,
          ं
                                                   े
                                                                 े
                                                                                                  े
                                                        मििूरों  क  िि,  मििूरों  की  वयथा,  कष्ट,  वििा
                                                                      ्ष
         तपसया  तथा  वैज्ानिकता  को  भी  रखादकत  दकया
                                            ं
                                         े
                                                                                                     ें
                                                        आदि को हूबहू अथा्षत ् पूरी तरह स उसी रूप म
                                                                                         े
                              े
               ै
         गया ह। इि तमाम संवििर्ील घटिाओं का नित्रण
                                                        अंदकत  दकया  ह।  िाह  पुनलस  की  मार  हो,  िाह
                                                                                                     े
                                                                            े
                                                                       ै
                                                      ै
                                            ें
                            े
         समकालीि कपवयों ि अपिी कपवता म पपरोया ह
                                                                                            े
                                                                         े
                                                        भूख की मार, िाह सकड िुघ्षटिा या रल िुघ्षटिा
                            ै
                                          े
         या  नलपपबद्ध  दकया  ह।  मािवीय  संवििा,  करूणा,
                                                        सभी का मुकममल नित्र समकालीि कपवताओं का
         िया, अदहसा, मािवानिकार तथा लोकतापत्रक मूलयों
                                            ं
                  ं
                                                                    ं
                                                        िानभकीय पबिु रहा है।
                                                     ं
                                                ें
                                           ं
         की रक्ा और सथापिा इिकी कपवताओ का कद्र पबिु
                                                                   े
                                                                                           े
                                                                                    ैं
         या लक्य पबिु रहा ह।                                भारत क मििूर सदहषणु ह। उिक अंिर िैय्ष
                    ं
                           ै
                                                        भी ह और संयम भी। व तपती िूप म भी र्ीतल
                                                                                           ें
                                                                              े
                                                             ै
                                            े
                                    े
               भारत  क  मििूर  अपि  हाथों  स  लोहा  भी
                      े
                                                                                            ं
                                                        मुसकाि क साथ काम करत ह और ठर म भी।
                                                                 े
                                                                                     ैं
                                                                                  े
                                                                                                ें
         पपघलात  ह  और  िटटािों  को  भी  तोडकर  रासता
                   ैं
                े
                                                                                                     ै
                                                                                      ै
                                                                        ें
                                                        लोकतंत्र  पर  उनह  पूरा  पवविास  ह।  यही  कारण  ह
                                                      े
                    ैं
                       े
                े
                 े
                                      ें
         बिा  लत  ह।  व  बंिर  िरती  म  भी  अनि  उगात
                                                                     े
                                                                                         ें
                                                        दक  कोरोिा  क  इस  भयावह  िौर  म  सरकार  विारा
                                ैं
                              े
                    ें
         ह और िहर भी बिात ह। य सब तभी संभव हो
                                    े
          ैं
                                                        नििा्षररत की गई नियमों का सभी ि बडी तनमयता
                                                                                        े
                                               ें
               ै
                                 ें
                         े
                            े
         पाता ह िब उिक पट म अनि हो, उनह भोिि
                                                                         ु
                                                          े
                                                                                          े
                                                        स पालि दकया। कछ समय गुिरि क पचिात ्  िब
                                                                                        े
             े
                                       ं
         नमल। महामारी क इस भयावह तारव ि मििूरों क
                                                     े
                                            े
                        े
                                                            ें
                                                                                               े
                                                        उनह अपिा अजसततव संकट म िजर आि लगा,
                                                                                    ें
                                             ै
         रोिगार पर ताला  तो लगा ही दिया ह, साथ ही
                                                                                    े
                                                                ें
                                                        िब उनह कोरोिा स िही भूख स मरि की संभाविा
                                                                                          े
                                                                              ं
                                                                         े
         साथ उनह गावों की ओर रुख करि हतु पववर् भी
                                        े
                     ँ
                 ें
                                           े
                                                                                                े
                                                        दिखी, तब व गावों की ओर िल पड। इिक पास
                                                                    े
                                                                       ँ
                                                                                         े
                ै
                                     े
         दकया ह। अजसततव बिाए रखि का संकट कोरोिा
                                                        और कोई पवकलप भी िही था। य मिबूर थ। इनहोंि
                                                                                     े
                                                                              ं
                                                                                              े
                                                                                                     े
                                        ै
                       े
                                    ू
         क िौर म सबक नलए िुिौनतपण्ष ह िबदक दिहाडी
                  ें
          े
                                                                 ं
                                                                                     ं
                                                          ं
                                                                                                े
                                                        दहसा िही की। इनहोंि िोरी िही की। इनहोंि राका
                                                                            े
                           ं
         मििूरों क नलए जजिगी और मौत की लडाई ह।
                  े
                                                     ै
                                                                                                     े
                                                                                                े
                                                                                  ं
                                                                           ं
                                                        िही राला। इनहोंि िगा िही दकया। बस य िीि
                                                           ं
                                                                         े
                                                 े
                                       े
                                                    ँ
                                           े
                     ें
                                     े
         इस लडाई म पविय प्राप्त करि हतु व अपि गाव
                                                                               े
                                                        की जििीपवरा नलए अपि गावों की तरफ मिबूरी
                                                                                  ँ
                          ैं
                        े
                                   ें
                               ँ
         लौट िािा िाहत ह। गाव म उिका मि रमता ह,
                                                     ै
                                                        में खाली िेब और खाली पेट िल दिए।
                              ै
                                               े
         उिकी आतमा बसती ह। व र्हर की अपक्ा गाव
                                                    ँ
                                  े
                                                                         े
                                                                    े
                                         े
                                            ैं
         की नमटटी का सानिधय पािा िाहत ह। व या तो            समाि क प्रतयक वयपक्त को समकालीि कपवता
                                               े
         उस नमटटी स िीविर्पक्त और प्राणवाय संनित कर  लोकतांपत्रक िजररए से िेखती है। अमीर हो, गरीब
                     े
                                            ु
          56
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