Page 58 - Akaksha (8th edition)_Final pdf
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उपयु्षक्त त्थयों पर अमल करि क पचिात ्  संक्प  बात हो या प्राइवेट असपतालों की क्रू रता और सामंती
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         म  कहा  िा  सकता  ह  दक  कोरोिा  ि  अंिपवविास  मािनसकता की, लोगों के  अंिपवविास की बात हो
         को  छोड  कर  वैज्ानिक  दृपष्ट  को  अमल  करि  का  या कम्षकांर की, िितंत्र के  िौथे सतंभ पत्रकाररता
                                                  े
         संिर् दिया ह। सरकार की िीनतयों और योििाओ  की  निषपक्ता  की  बात  हो  या  लोकतंत्र  का  गला
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         का  मूलयाकि  लोकदहत  और  िर्दहत  को  कद्र  म  घोटिे वाली पत्रकाररता या मीदरया की बात हो, इि
                  ं
         रखकर दकया िाता ह। प्रवासी या दिहाडी मििूरों  सभी ततवों और आयामों की वयाखया, पवश्ेरण और
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         क अजसततव की रक्ा की बात हो या मकाि मानलकों  मूलयांकि  समकालीि  कपवताएं  लोकतांपत्रक  और
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         की संवििहीिता की, आम लोगों की निदकतसा की  वैज्ानिक दृपष्ट से ििदहत में करती है।
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                                                चित्रकार - ऋषभ साि
                                            पुत्र: श्ी चवनोद क ु मार साि, चल./टं.

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