Page 40 - Spagyric Therapy Part- 1st (5)
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   फट का पाचन ठ क स न होन क  दशा म फट   लवर, बदहजमी और फट स  मलन वाल  यु  एंटस जैस  क फट  ए सड
                                                                                             े
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   आ द क  कमी जैसी सम याएं दखन म आती ह। यहा तक  क ओमेगा-3 और ओमेगा-6 जैस फटस का पाचन भी नह  हो
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                                   े
   पाता।  चब   म  घुलकर  ए जाव  हान  वाल   वटा म स  जैस   क   वटा मन  कएम्ए।  और     तथा  लायको पन,   यू टन,

                                                                               ्
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   करो टनॉइड जैस ऑ  सडट आ द क  शरीर म कमी हो जाती ह। अगर आप उपयु   पोषक त व  को बतौर स लीम ट भी
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                                                                 ै


   लेना चाह तो कोई फायदा नह  हान वाला। बाइल क  कमी स इन स लीम टस का ए जॉव शन भी भली-भाँ त नह  हो पाता
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   और उनक  कमी बनी ही रहती ह।
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    लवर और डाय बट ज

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   पाचन-   या को अंजाम दन क  लए  प  को हर हाल म छोट  आँत म प ंचना ही होता ह, इस लए वह अपन  वास क                        े
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                                   ै
    लए नए माग का चयन करता ह और प   याज़ तक प ंच जाता ह। सम या तब खड़ी होती ह जब यह  प  प   याज़ पर
                                                                                              ै
   हमला कर उस नुकसान प ंचान लगता ह। इसस प   याज म  दाय क   शकायत पैदा होकर उसक  को शकाएं   त  त
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   होन लगती ह और उसक  इसु लन  नमा ण    या  भा वत होती ह। नतीजा यह  क र  म श कर क  मा ा बढ़न लगती ह                        ै
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   और     डाय बट ज का  शकार हो जाता ह। साथ ही इसु लन क  कमी क कारण  लवर और पे शया र  म मौजूद
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   श कर को पूरी तरह स ए जॉब कर उसका संचय नह  कर पात। इस तरह क मधुमेह रो गय  क  लए  लवर- ल ज काफ

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   फायदमंद सा बत हो सकता ह।
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    लवर  ल ज मा टर  ल ज
                                                                                                                  ुं
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    लवर  ल ज स गॉल- टो स स छटकारा  मलकर पाचन-  या म सुधार होता ह, जो  क हमार संपूण  वा य क  कजी ह।
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                                                                                              े

    लवर  ल ज क बाद आप एलज  क  सम या स पूरी तरह  नजात पा सकत ह। कम स कम 40 फ सद  राहत तो आप
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   त काल महसूस करन लग ग और सुखद प रणाम पाय ग, आप पहल-पहल  लवर  ल ज क बाद ही! जैस-जैस आप  ल  ज ग
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                                                                                                      े
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   क  सी व सी बढ़ात जाय ग, आपको  यादा स  यादा लाभ होगा।  लवर  ल ज क बाद, अगल छह महीन क  लए आप हाट
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   अटक स  ब कल सुर  त हो जात ह। ऐसा आट रज व  लड म जमा कोले टरॉल और चब  क शरीर स बाहर  नकल जान                            े

                                                                              े
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   क कारण होता ह। साथ ही,  लवर  ल ज क बाद आपको कध , बाह  और पीठ क ऊपरी  ह स और तरोताजा महसूस करत                         े
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   ह मेरा मशवरा ह  क आप सभी,  बना दरी क, एक बार  लवर  ल ज अव य कर ल। भल आपको कोई शारीरक सम या हो

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   या न ह  18 घंट का यह  ोसेस आपक  वा य म  कस तरह चम कारी बदलाव लाता ह यह बतान क  नह , महसूस करन                         े
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                                                                                        ै
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   वाली बात ह।
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    लवर  ल ज  य ?

   पॅा यूशन और पका खाना खान क  वजह स  लवर क  क पलरीज म टॉ  स स का जमाव होता रहता ह। सो चए, अगर
                                                                                                          ै
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                                                                                                     े
   पानी क पाइप म कच भर  दय जाय और पानी का  ेशर इतना ना हो  क वो कच  को आग धकल सक, तो ब त कम मा ा

                                                                                                                     े
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   म ही पानी आग बढ़ पायेगा।  ब कल इसी तरह गॉल- लैडर म गॉल- टोन क  मौजूदगी म शरीर स कम मा ा म कोले टरॉल
                                    ु


                        ै
                                                                                                                   े
                                                                                                                 े
                                                                       ै
   बाहर  नकल पाता ह और शरीर म उसक  मा ा बढ़ती चली जाती ह।  जस तरह पानी का ‘ लो’ सामा य बनान क  लए


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                  ं
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                                                                 े
                                                                   ै
   पाइप म फस कच  को  नकाल दत ह, उसी तरह  लवर  ल ज स क पलरीज और बाइल-ड ट क  सफाई हो,  प  का  वाह
   सामा य हो जाता ह। नतीजतन, शरीर म कोले टरॉल क  मा ा कम हो जाती ह और  लवर क  काय  मता म सुधार आता ह।


                      ै
                                                                              ै
                                                                                                                        ै
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   हमार गॅाल- लैडर म लगभग आधा दज न स अ धक  क म क गॉल- टो स होत ह। इनम  यादातर  टो स कोले टरॉल क बन                       े
                                                                              े



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   होत ह। अनका रंग काला, हरा, लाल, सफद या  फर भूरा होता ह।  च  को दखकर आप समझ सकत ह  क आपक गॉल-

                                                                                                      े
                                                                  ै
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                                                                                                                  े
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    लैडर म  कतनी ही अनचाही व तु  न अपना घर बना  लया ह। इ ह अपनी आँख  का ‘ म’ मत सम झए। आप कॉक


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                                                                                       े
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                               े
   (राई, बाजरा,  वार या म क क दान बराबर) क आकार क  कतन ही गॉल- टो स दख सकत ह।  च  म आपको कछ
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                                                                                                                      ु
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   ‘क ो जट’  क म क  टो स भी नजर आ रह ह जो कई छोट   टो स क जुड़न स बन ह।
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