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राजनीकति प्रकतसपधा्ण िो यह तसवीर खाररज िरती थी. ररयो ्ें ही ह्ने   ्ीकडया िा साथ क्ला. बेहद सादा, सरल, सहज और बच्चों जैसे चेहरे
         भारत िी कजम्ासट दीपा ि््णिार िो पहचाना. दीपा ने ओकलशमपि   वाली इस गाकयिा ने जब फाइनल ्ें आय ड्ररैमड अ ड्री्’ गाया तो कसफ्फ
         प्रकतयोकगता ्ें कवाकलफाई िरने िे कलए वॉलट पर कजस प्रोद्ूनोवा   सेट पर ही नहीं, इस िाय्णक्् िो देख रहे एि िरोड़ से जयादा दश्णिों
         िा प्रदश्णन किया, वह बेहद ्ुश्िल एकसरसाइज़ है. वह कत्पुरा िे   ्ें खा्ोशी छा गई. त्ा् लोगों िी आँखों ्ें आँसू थे. जैसे ही उसिा
         कपछड़े इलािे से आती हैं और उसिी पाररवाररि पृष्ठभूक् साधारण है.   गाना खत् हुआ ताकलयों िा स्ाँ बँध गया.
             उसने असाधारण िा् िरिे कदखाया. दीपा िे फाइनल प्रदश्णन   ‘आय ड्ररैमड अ ड्री्’ हारते लोगों िा सपना है. यह िरोड़ों लोगों िा
                  ्ें उसिे साथ िोररया िी वही सेलफी वाली होंग उन-  दुःसवप्न है, जो हृदयकवदारि होते हुए भी ह्ें भाता है. िुछ साल पहले
                    जोंग भी वॉलट पर प्रदश्णन िर रही थी. वह भी उत्री   फेसबुि पर नाइजीररया िे किसी टेलेंट हंट िांटेसट िा पेज देखने िो
                     िोररया िे टैंचन िे गरीब पररवार से ताललुि रखती   क्ला. उसिा सूत् वाकय था, ‘आय कथंि आय िैन’. एि ्ा्ूली वयशकत
                     है. उसने भी एि बेहद िकठन कट्रपल श्वसट युरचेंिो    िो यह बताना कि तु् नािाकबल नहीं हो. उसिी हीन भावना िो कनिाल
                     िो अपने कलए चुना. इस एकसरसाइज़ िी आजति   िर फेंिने िे कलए उसिे बीच से कनिल िर ही किसी िो रोल ्ॉडल
                     किसी ने िोकशश नहीं िी थी.            बनना होता है.
                   हालांकि वह लड़िी अपने प्रयास ्ें सफल नहीं रही,   िुछ साल पहले अक्ताभ बच्चन ने िौन बनेगा िरोड़पकत िाय्णक््
                 पर उसने भी इस बात िो रेखांकित किया कि कजनिे पास   ्ें िहा था, “्ैंने इस िाय्णक्् ्ें एि नया कहनदुसतान ्हसूस किया.
                साधन नहीं होते वे बड़े जोकख् उठाते हैं. दीपा िो कजस   हँसता-्ुसिराता कहनदुसतान. यह कहनदुसतान अपना पकिा घर बनाना
                प्रकतयोकगता ्ें चौथा सथान क्ला उसिा सवण्ण पदि जीतने   चाहता है, लेकिन उसिे िच्चे घर ने उसिे इरादों िो िच्चा नहीं होने
                वाली अ्ेररिा िी अ्वेत लड़िी कस्ोन बाइलस िे जीवन   कदया. यह कहनदुसतान लाखों ि्ाना चाहता है. 135 रु रोज ि्ािर
               िी भी िकठन िथा है. उसिे कपता ने उसे छोड़ कदया था. ्ाँ   भी िरोड़ों रुपए ि्ाने िे बराबर खुश रहना चाहता है. यह कहनदुसतान
              ड्रगस और अलिोहल िी कशिार थी. उसिा लालन-पालन   िपड़े सीता है, ट्ूशन िरता है. दुिान पर सशबजयाँ तोलता है. अनाज
              िकठन पररशसथकतयों ्ें टेकसास ्ें हुआ. आज वह दुकनया िी   ्ंडी ्ें बोकलयाँ लगाता है. इसिे बावजूद वह अपनी िी्त जानता है.
                सव्णश्ेष्ठ कजम्ासट है. उसने ररयो ्ें चार सवण्ण पदि जीते.   उसिा ्नोबल ऊँचा और लगन बुलंद है. ह् सब इस नए कहनदुसतान
                  कत्पुरा, टैंचन और टेकसास िी ये तीन लड़कियाँ जीवट,   िो सला् िरते हैं.”
                   लगन और ्ेहनत िी िहानी िहती हैं.        यह  ‘एशसपरेशनल  इंकडया’  है.  अपने  हालात  से  लड़ता  भारत.  यह
                    सन 2009 ्ें करिटेन िे ररयकलटी शो ‘करिटेन गॉट   वयािुलता जैसे-जैसे बढ़ेगी वैसे-वैसे ह्ें अपने दोष भी कदखाई पड़ेंगे.
                     टेलेंट’ ्ें सिॉटलैंड िी 47 वषटीय सूज़न बॉयल ने   इनिा कनरािरण वयािुलता िे बढ़ते जाने ्ें है. कफराि गोरखपुरी िी
                     ऑडीशन कदया. पहले कदन िे पहले शो से उसिी   पंशकत है –
                      प्रकतभा िा पता लग गया. पर वह 47 साल िी   सरज़्ीने कहनद पर अक़वा्े आल् िे क़िराक़
                       थी गलै्रस नहीं थी. वह वयावसाकयि गाकयिा   िाक़िले बसते गए कहनदोसतां बनता गया.
                         नहीं  थी.  पूरा  जीवन  उसने  अपनी  ्ाँ  िी   भारत िो उसिी कवकवधता और कवशालता ्ें ही पररभाकषत किया जा
                          सेवा ्ें लगा कदया. चच्ण ्ें या आसपास िे   सिता है. दुभा्णगय से आज ह् राजनीकति िारणों से अपनी कवकवधता
                           किसी िाय्णक्् ्ें गाती थी. उसिे बेहतर   और बहुलता िी दीवार ्ें भी सेंध लगती देख रहे हैं. देश िो कफर से
                             प्रदश्णन िे बावज़ूद दश्णिों िा स्थ्णन   ्धययुग ्ें वापस ले जाने िी िोकशशें हो रहीं हैं. ये सफल नहीं होंगी.
                               नहीं क्ला. गलै्रस प्रसतोता दश्णिों   ऐसे वकत ्ें जब पुराना भारत एि नए भारत िे रूप ्ें प्रसफुकटत हो रहा
                                   पर हावी थे. पर सुधी गुण-  है, िई बार ह् कनराश होिर िहते हैं कि िुछ नहीं हो पाएगा. पर सपने
                                       ग्ाहि भी हैं.      हैं कि खत् नहीं होते. छोटे-छोटे गाँवों और िसबों िे छोटे-छोटे लोगों
                                            सूज़न  बॉयल   िी उम्ीदों, सपनों और दु्वाररयों िी किताबें खुल रहीं हैं. ड्राइंग रू्ों
                                                ि     ो   से लेिर सड़ि किनारे पड़ी ्कचया िे पास रखे टीवी सेट पर टिटिी
                                                          लगाए िरोड़ों लोग इस्ें शाक्ल हैं.
                                                          बीबीसी िी कहंदी वैबसाइट ्ें प्रिाकशत एि इंटरवयू ्ें भारत ्ें दूरसंचार
                                                          क्ांकत लाने वाले सै् कपत्ोदा ने िहा कि इंटरनेट ्ें एट् ब् से भी
                                                             बड़ी ताक़त है. उनिे अनुसार भारत ्ें एि बड़ा बदलाव लाने ्ें
                                                                इंटरनेट िी सबसे बड़ी भूक्िा होगी. उनहोंने िई बातें िहीं,
                                                                   कजन्ें एि ्हतवपूण्ण बात यह कि ह्ारे लोग इनोवेटस्ण हैं.
                                                                      ह् ज़ीरो ले िर आए. ह्ारा अशोि सतंभ है...्त
                                                                          भूकलए कि ह् 1760 ्ें दुकनया िी सबसे बड़ी
                                                                              अथ्णवयवसथा थे. लेकिन गुला्ी िे बाद
                                                                                  स्सया शुरू हुई. स्य लगेगा...ह्
                                                                                  थोड़े अधीर हैं. ह् िंपनी नहीं देश
                                                                                  बना रहे हैं. ्ाइंड सेट बदलने ्ें
                                                                                   स्य लगता है.
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