Page 43 - Akaksha (8th edition)_Final pdf
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         (िी.री.पी का 0.27%) क बराबर अनतररक्त लागत  इरािा,  समावेर्,  निवेर्,  बुनियािी  ढाँिा  और
         िुकािी  होगी।  िूसरी  तरफ,  यदि  िीि  भारत  को  िवबािार बहुत महतवपूण्ष हैं। एक िेर् पर आयात
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         छोडकर िूसर आयातक साझिार क पास िाता ह,  के  साथ साथ निया्षत के  नलए अतयनिक निभ्षरता
         तो  िीि  को  कवल  $1.6  पबनलयि  (िी.री.पी  का  खतरिाक हो सकती है। उद्योग "िीि वि पलस"
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         0.01%) की लागत िुकािी होगी। 2019 म, भारत  िीनत को अपिा सकते हैं, िो यह बताती है दक
                                                    े
         विारा िीि स आयानतत 4090 उतपािों म स प्रतयक  के वल िीि में निवेर् करिे के  बिाय, अनय िेर्ों
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         571 उतपािों क नलए भारत क कल आयात म िीि  में वयापार का पवपविीकरण अनिक दकफायती और
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         का दहससा 75% स अनिक था। इि 571 उतपािों  सुरजक्त  िीघ्षकानलक  पवकलप  है।  र्ुरुआती  ससते
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         का संयुक्त आयात मूलय $11.8 पबनलयि ह िो िीि  श्रम और बािार की मांग के  लाभ िो िीि प्रिाि
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         स कल आयात का 17.2% ह। इसका तातपय्ष यह  करता है वह अब उि लाभों को खो रहा है, िो
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         ह दक िीि को कछ अनय वयापाररक साझिारों क  आनसयाि  िेर्  प्रिाि  कर  सकते  हैं।  यह  रातों-
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                                                े
         साथ प्रनतसथापपत करिा वयावहाररक रूप स बहुत  रात िहीं हो सकता है। इसके  नलए समय िादहए।
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         महगा ह।                                        इसनलए एक राष्ट् क रूप म भारत क आतमनिभ्षर
                                                                                         े
                                                                                 ें
                                                                          े
                                                        बिि की यात्रा आसाि-आसाि िही होि वाली ह।
                                                                                                    ै
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             प्रिािमंत्री  श्री  िरनद्र  मोिी  का  "आतमनिभ्षर
                                                                                                े
                                                             ें
                                                                           ँ
                                                        इसम बहुत-सी बािाए होगी। लदकि समय क साथ
                                                                                    े
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         भारत" क नलए आह्ाि एक रणिीनत ह, जिसक
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                                                        उनित आनथ्षक िीनत, बुनियािी ढािा, निवर् और
                                                                                       ँ
                                                                                               े
         नलए  िरणबद्ध  दृपष्टकोण  की  आवशयकता  ह।
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                                                        योििा विारा भारत खुि को एक प्रमुख पवनिमा्षण
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         प्रिािमंत्री  श्री  मोिी  ि  कहा  "भारत  को  दफर  स
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                                                                           े
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                                                        और  निया्षत  कनद्र  क  रूप  म  सथापपत  करि  म
                                                                      े
         तिी स पवकास क रासत पर लाि क नलए" एक
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                                                        सक्म नसद्ध होगा।
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         आतमनिभ्षर  भारत  क  निमा्षण  क  नलए  5  िीि-
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                                                                      चित्रकार - सुमन गायन, ल. प.
                                                                                                 43
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