Page 49 - Akaksha (8th edition)_Final pdf
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वैणश्वक महामाररया   ँ



                            सुसम्ा स्वीजा,
                            वरिष्ठ लखापिीक्ा अधिकािी,
                                    े
                                            े
                            का्या्षल्य महातनदशक लखापिीक्ा,
                                                  े
                            प्या्षविण एवं वैज्ातनक ववभाग, नई हदलली

                     मािव माटी का पुतला,                           करोडो को था मार नगराया,
                                                                                       ं
                      टकराता ह प्रकनत स। े                      प्रकोप इसका दफर भी िही थमा।।
                                   ृ
                               ै
                      र्पक्त का प्रिर््षि कर,
                                                                              ें
                             ै
                    इठलाता ह इस पववि म।।                               1981 म थी आई,
                                         ें
                                                                 एिआईवी, एडस की महामारी।
                                    ृ
                           ृ
                     पर प्रकनत तो प्रकनत ह, ै                     3.5 करोड लोगों को खा गई,
                     यह ि ररती मािव स।   े                     पर अब तक यह थम िही पा रही।।
                                                                                      ं
                   आपिा, पवपिा और महामारी,
                                           े
                                े
                  मािव को ला िती िरातल प।।                          2019 का िीिी कोरोिा,
                                                                 पूर पववि को परा इस पर रोिा।
                                                                   े
                                  े
             541 का िजसटनियि पलग, भी था घातक,                       लाखों को य ल रूबा ह, ै
                                                                                  े
                                                                               े
                           े
                                                                                           ै
                    नमस्त स था य र्ुरू हुआ।                     अभी िा इसका आतंक थमा ह।।
                                 े
                                      ै
                                    े
                     पूरी पृ्थवी पर य फला,
                 और पाि करोड को दिया सुला।।                         ि कोई इसकी ह िवाई,
                       ँ
                                                                                   ै
                                                                        े
                                                                 िाह पूर पववि ि िुगत लडाई।
                                                                    े
                                                                               े
                                          े
                        ं
                   14 वी सिी की ि बलैक रथ,                         सामाजिक िूरी और सफाई,
                                                                            ै
                                                                       े
                      िो करोड को ल गई।                             इसि ही ह राहत दिलाई।।
                                    े
                            े
                    एनर्या स र्ुरू हुई थी यह,
                    यूरोप तक को रुबो गई।।                   लदकि वैजविक महामाररयों की इस िंग म,  ें
                                                             े
                                                               हर बार मािव ि ही िि्ष की िीत।
                                                                              े
                                                                                 े
                                                                                         े
                                 े
                     1918 का सपनिर् फलू,                           मृतयु को िैय्ष स पछाड क,
                                                                                     े
                                                                        ें
                                                                          ै
                   मािवता पर था कहर बिा।                          िग म फलाई दफर स प्रीत।।
                                                  े
                                                                   ं
                                                                                   ै
                          सिल्ा औि शवीघ्र सवीखवी जान वाली ्योग्य भाषाओ में हहंदी सववोपरि ह।
                                                                    - लोकमान्य त्लक
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