Page 37 - lokhastakshar
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िसफ साबुन क7 झाग
हरनQदो टलेज
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कोल96बयन प<कार और लेखक
ज2म 22 माच 1908 बोगोटा
कोलं?बया
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जब वह अ2दर दा9खल हुआ तो वह कछ नह"ं मQन साबुन क7 छोट"-छोट" टुक#ड़य- का कप म
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बोला। मQ अपन सबस ब#ढ़या उ
तर क7 धार को रखा, उसम गुनगुना पानी उडला और ुश स
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चमड़ क पट पर तीखा कर रहा था। उस पहचान साबुन क7 टुक#ड़य- को #हलान लगा। कप म ढर
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कर मQ कांपन लगा। पर उसन मेर" ओर कोई गौर सार" झाग बन गई। “इसक अ2य सािथय- क7
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नह"ं #कया। मQ उ
तरा तीखा करता रहा। परखन दाढ़" भी इस कL बढ़ चुक7 होगी।“ मQ झाग म ुश
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क िलए मQन उ
तर क7 धार पर अपना अंगूठा फरा घुमात हुए सोचन लगा।
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और रोशनी म उसक7 चमक दखन लगा। उस
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“तु6ह पता ह, हमन सब ठlक कर #दया
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समय उसन कारतूस- स लैस अपनी पेट" उतार",
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ह। महFवपूण लोग हमार हाथ लग चुक ह। कछ
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गल म लटका ?प
तौल उतारा और उ2ह खूंट" पर
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मार जा चुक ह। जो जी?वत ह उ2ह भी जUद" ह"
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टांग #दया। उसन अपन िसर स टोपी भी उतार"
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मौत क घाट उतार #दया जाएगा।”
और उस भी खूंट" पर टांग #दया। अपनी टाई को
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ढ"ला करत हुए उसन मेर" तरफ दखा और कहा, “आपन #कतन लोग- को पकड़ा ?” मQन पूछा।
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“आज भयानक गम| ह। मेर" शेव बना द"9जए।
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“चौदह। उ2ह खोजन क िलए हम जंगल
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वह कस| पर बैठ गया। म काफ7 दूर तक जाना पड़ा। पर हमन उ2ह ढूंढ
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ह" िनकाला। उनम स एक भी 9ज2दा नह"ं बचगा।”
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मQन अनुमान लगाया #क उसक चहर पर
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चार #दन पुरानी दाढ़" ह। इन चार #दन- म वह बोलत-बोलत जब उसन झाग स सन श
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हमार" टोली क सद
य- क7 तलाश करता रहा। को दखा तो उसन अपनी पीठ कस| क7 पीठ स
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उसक चहर पर तेज धूप का असर साफ #दखाई द #टका द"। अभी मQन कपड़ा बांधना था। इसम कोई
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रहा था। उसक चहरा लाल-सुख नजर आ रहा था। शक नह"ं #क मQ घबराया हुआ था। मQन दराज स
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मई – जुलाई 37 लोक ह
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