Page 40 - lokhastakshar
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सकता। यह तो एक अित?विशy ाहक था। मेर वह तो इस समय दोपहर क बाद क#दय- क साथ
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जैस #कतन लोग- को मौत क घाट उतार दन का #कए जान वाल सलूक क बार म भी नह"ं सोच
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वह आदश द चुका था। हमम स #कतन सािथय- रहा। दूसर" तरफ मQ 9जसक हाथ म उ
तरा ह और
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को वह िनम मता स मसल चुका था। बेहतर ह इस उसक7 Fवचा को अपनी उगिलय- स सहला रहा हूं
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बार म अिधक सोचा ह" न जाए। और इस बात का सुिन9zत करता रहा हूं #क
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उसक #कसी पोर स खून क7 एक बूंद भी न
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टोरस नह"ं जानता था #क म उसका
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टपकन पाए। #कतना {यिथत हूं। मQ अSछl तरह
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दुमन हूं। न उस इस बात का पता था, न उसक
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सोच नह"ं पा रहा। उस यहां नह"ं आना चा#हए था।
अ2य सािथय- को। यह एक ऐसा गु रह
य था
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मQ )ा92तकार" हूं, हFयारा नह"ं। पर मेर िलए उस
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9जस बहुत कम लोग जानत थ। मQ अपन सािथय-
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मार दना #कतना आसान ह? वह उसी क योuय
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को टोरस और उसक अ2य आदिमय- क7
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ह। ,या नह"ं ह? नह"ं। कोई {य?^ इस योuय नह"ं
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गित?विधय- क7 जानकार" *दान करता था।
#क #कसी क7 बिल चढ़ाकर वह खुद हFयारा बन
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इसिलए मेर िलए उ2ह यह बात समझानी बहुत
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जाए। इसस ,या लाभ होगा? कछ भी नह"ं। उसक
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मु9कल होगी #क मQन हाथ म आए हमार सबस
बाद और लोग आएंग, #फर और लोग – सभी एक-
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बड़ दुमन को इतनी आसानी स 9ज़2दा कस छोड़
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दूसर का मारन लग5ग और यह िसलिसला अनवरत
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#दया और वह भी उसक7 शेव बनाकर।
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चलता रहगा।
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दाढ़" क तमाम बाल साफ हो चुक थ। वह
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तब तक जब तक खून का द8रया न बहन
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अब पहल स अिधक जवान नजर आ रहा था। मेर
लग जाए।
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याल म नाई क7 दुकान स बाहर िनकलन वाला
हर आदमी ह" अपनी उ स छोटा #दखन लगता मQ अभी इसी व^ एक ह" झटक म उसक7
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ह। मेर उ
तर क जादू न टोरस को पुनय¡वन गदन काट सकता हूं। मQ तो उस कोई िशकायत
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*दान कर #दया था। मQ नगर का सव Xेx नाई हूँ। का मौका भी नह"ं दूंगा..... उसक7 आंख बंद ह, न
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मेर" बनाई शेव म कोई आदमी नु,स िनकाल ह" वह उ
तर क7 तेज़ धार चमक को दख रहा ह और
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नह"ं सकता। उसक7 ठोड" क नीच अभी थोड़"-सी न ह" मेर" आंख- क7 चमक को। पर मQ #कसी
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झाग लगान क7 ज_रत ह। अब ठोड" भी ?बलकल वा
त?वक हFयार क7 तरह कांप रहा हूं। उसक7
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साफ हो चुक7 ह। गदन स छटन वाली खून क7 ?पचकार" इस कपड़
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को, कस| को, मेर हाथ- को लहू स लथपथ कर
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गम| बहुत बढ़ रह" ह। टोरस भी मेर" तरह
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दगी। मुझ दरवाजा ब2द करना पड़गा। पर खून
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पसीन स भीग रहा होगा। वह ?बलकल शांत ह।
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फश पर ?बखर कर बाहर सड़क पर फल जाएगा।
मई – जुलाई 40 लोक ह
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