Page 43 - lokhastakshar
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इससे उनक7 पूर" दह जल कर काली पड़ गई। वाले रा स- को लौटाना होगा और उन रा स- स
इसी तरह वeण दवता, अपने िम< सोम क साथ *ाथ ना करनी होगी #क वे ?वकृ ित से ?ववाह कर
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जब समुL से Gवार भाटा उठाने क िलए िनकल, तो ल5। रा स- का ?वकित से ?ववाह हो जान पर
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उ2ह-ने पाया #क उनक तल म5 इतनी अिधक ?वकित क गभ से *कित क नये _प का ज2म
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टक और जंग खाई चीज़ एक< हो गई थी होगा। तभी इस महान संकट से पृgवी क7 र ा हो
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#क उनका अपने Gवार भाट पर िनयं<ण ह" नह"ं सकगी।
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रह गया था। तभी उ2ह-ने यह पाया #क थल क बेशक यह एक कथा मा< ह परतु अगर आज
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समतल पर रहने वाल लोग- को उनक इस हमार समय म5 इस तरह क7 कथाएं िलखी जा
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अपराध का दड दन क िलए उनक7 अपनी एक सकती ह तो इसका एक ह" मतलब ह। वह यह ह
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पु<ी सुनामी अमया #दत होकर तट- पर ?व9 सी #क अब हम5 मनु;य और *कित क संबंध- पर #फर
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सब कछ नy करने क िलए िनकल गई थी। वे
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से गहराई से ?वचार करना पड़गा।
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उसे रोकन म5
वयं को असमथ पा रह थ। इसी
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मनु;य और *कित क आपसी 8रत- क7 मौजूदा
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*कार वायु दवता जब संसार म5 सबको जीवन
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संरचनाओं को ठlक स समझने क िलये ज़_र" ह
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श?^ क _प म अपने भीतर रहने वाले *ाण- का
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#क हम उनक7 ज़मीन म उFखनन कर, उन क7
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उपहार दने क िलए मंद-मंद टहलते हुए आगे बढ़
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जड़- तक जाएं और इन 8रत- क बीज न,शे
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, तो उ2ह-ने दखा #क उनक कोष म5 अब *ाण नह"ं,
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तैयार कर। इस क िलय हम5 सुदूर अतीत म
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कवल अपान बच थ। जैसे ह" उ2ह-ने अपान क
जाना होगा और समझना होगा #क ये संबंध #कस
पा< से ढ,कन उठाया, उसका ?वष उलट कर
वयं
तरह क संबंध रह ह-गे। इसे जानने क िलए हमार
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उ2ह"ं को चढ़ गया और व वमन करते हुए अपनी
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पास सबस पुरान िल9खत *माण क _प म5 वद- क
आस2न मृFयु क7 ओर बढ़ते नज़र आए और मृFयु
अित8र^ और कोई भाषापाठlय §ोत नह"ं ह। अ2य
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से बचने क7 कोिशश म5 सब ओर पागल- क7 तरह
§ोत- क _प म5 गुफाओं म5 मौजूद िभ?d िच< ह
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भटकते और आंधी तूफान मचाते हुए #दखाई दन
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अथवा भूगभ से उFखनन क बाद *ा होने वाल
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लगे। यह" 9
थित शेष सभी दवताओं क7 भी थी।
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अनेक ऐसे पदाथ ह जो उस समय क मनु;य और
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सूय दवता इतने अिधक ताप
त हो गए थ #क
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उसक *कित क साथ संबंध- पर कछ *काश डाल
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उनक कारण पृgवी पर वै9Zक तापकाल क आरभ
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सकते ह। परतु वह सब अब अिधकांशतः अनुमान
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हो जाने से भयानक असंतुलन पैदा हो गया था।
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या हमार" {या या पर आिXत ह। तथा?प हम
uलेिशयर ?पघलन लगे और पृgवी पर जल *लय
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कह"ं से तो शुeआत करनी होगी। तो आइए एक
क आसार उFप2न हो गए थ। अब दवता घबराकर
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*यास करते ह।
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पुनः ¦ा क पास गए और उनसे इस संकट क
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िनवारण क िलए उपाय पूछने लगे। ¦ा ने उनसे उपयु ^ §ोत- को दखत हुए जो कछ थोड़ स
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कहा #क इसका एक ह" उपाय ह। वह यह ह #क िन;कष िनकाले जा सकते ह, वे इस *कार ह :-
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अब उ2ह अपने अजय होने क वरदान को छोड़ना एक : मनु;य क िलए *कित असीम श?^ और
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होगा।
वग का राGय पुनः *कित क7 र ा करन अप8रिमत संभावनाओं से यु^ एक आFमिनयं?<त
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मई – जुलाई 43 लोक ह
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