Page 68 - Akaksha (8th edition)_Final pdf
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यादें







                             ववनोद क ु माि साह,
                                       ं
                             सलवपक / ्कक
                                                                     े
                                                                        े
             साल 1999 की बात ह। समर तब माधयनमक              िखत-ही-िखत माधयनमक परीक्ा की नतनथ भी
                                 ै
                                                             े
                                                                े
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                                            ं
                         े
         की परीक्ा म बैठि वाला था। वह एक दहिी माधयम  आ गई। उस समय बंगाल में दहंिी माधयम के  छात्रों
          े
         क सरकारी सकल म पढता था। उस एक ही निंता  के  नलए बडी ही मुजशकल की बात थी कयोंदक दहंिी
                      ू
                           ें
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         सताए िा रही थी दक इस परीक्ा म उसका कया  माधयम में पढते तो थे पर माधयनमक की परीक्ा
                                                  ें
                                       े
                               े
         होगा। िरअसल वह अपि पपता क वयवसाय म भी  के  पेपर अंग्रेिी में आते थे। दकताबों में भी पाठों के
         हाथ बंटाता था। पपता िाहत थ दक समर वयवसाय  िाम दविभापरक छपे हुए नमलते थे। समर को, प्रकार्
                                  े
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         सीख  िाएगा  तो  अपि  पैर  पर  खडा  हो  िाएगा।  संश्ेरि का मतलब Photosynthesis होता है, इसका
         उिका  माििा  था  दक  नलखि-पढि  तथा  दहसाब  मतलब हे िसवीं कक्ा में िाकर उसे समझ आया
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         करि तक की पढाई ही काफी ह।                      था। उसक नलए बडी ही िुपविा थी ।
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                                        ू
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             िैस-तैस काम क बाि वह सकल िाया करता             नतनथ अिुसार माधयनमक की परीक्ा आरभ हो
                                                                                                ं
         था और पढाई-नलखाई की बात तो पूनछए ही मत।  गई। समर को तो के वल अंग्रेिी की ही निंता सताए
         उसकी अंग्रिी और गजणत पबलकल ही कमिोर थी।  िा रही थी। िैसे-तैसे भगवाि का िाम लेकर वह
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                                     ु
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         अंग्रिी वयाकरण की तो सवर और वयंिि वण्ष तक  परीक्ा  में  बैठा।  वह  हर  रोि  भगवाि  से  प्राथ्षिा
                                      े
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         की उस समझ िही थी। एक ििर भाई क कहि पर  करता रहता था दक हे! भगवाि मेरी अंग्रेिी संभाल
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                                     े
                         ं
         वह पवज्ाि पवरय क नलए एक प्राइवट टयूटर क पास  लेिा। पररणाम निकल गया। समर माधयनमक की
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                                                 े
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         िािा र्ुरू दकया। मासटर िी ि तो गजणत, िीव-      परीक्ा पास हो गया, वो भी प्रथम श्रेणी स। उसका
                                                                                              े
                                                े
         पवज्ाि, भौनतक पवज्ाि संभाल ली पर अंग्रिी का  तो  खुर्ी  का  कोई  दठकािा  िहीं  था।  दकसी  और
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         कया? अंग्रिी तो उसक नलए काला अक्र भैंस बराबर  पवरय के  पहले सव्षप्रथम उसिे अंग्रेिी के  प्राप्तांक
         ही था। दिर्ाहीि समर अंग्रिी की तैयारी को भगवाि  को िेखा तो 38 िंबर आए थे। सबसे कम अंक इसी
                                े
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         भरोस छोडकर पवज्ाि पर ही अपिा फोकस ििा र्ुरू  पवरय में थे।
                                                     े
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         कर दिया। पपता क साथ वयवसाय म हाथ बंटाि क
                                         ें
                                                   े
                                                                    े
                                                                                      ें
                                                            खैर उसक बाि कक्ा 11वी म भतती होिा था।
                                                                                   ं
                                       े
         बाि जितिा भी समय नमलता उसि थोडी-थोडी पढाई
                                                                े
                                                            ँ
                                                        िहा अंग्रिी क िो पपर थ- पपर-I और पपर-II।
                                                                                 े
                                                                     े
                                                                                                े
                                                                                    े
                                                                            े
         करिा भी करिा र्ुरू             कर दिया।
                                                        िोसतों स समर को पता िला दक निम्षल गुप्ता सर
                                                                े
                                                                          ं
                                                                       ें
                                                                                               े
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                                                                                       े
                                                        अंग्रिी  पढाि  म  दहिी  माधयम  क  छात्रों  क  नलए
                                                                           ैं
                                                        भगवाि  क  समाि  ह।  िोसतों  क  साथ  एक  दिि
                                                                                      े
                                                                 े
                                                                          े
                                                                                            े
                                                        समर  निम्षल  सर  क  पास  टयूर्ि  पढि  की  बात
                                                                                         े
                                                                                     े
                                                                                              े
                                                                      ं
                                                        करि गया। परतु निम्षल सर ि उस उसक िोसतों
                                                            े
                                                         े
                                                                                                ें
                                                        क टयूर्ि ग्रुप म ि रखकर एक िूसर ग्रुप म राल
                                                                                          े
                                                                       ें
                                                                                          े
                                                        दिया।  कलास  का  समय  र्ाम  5  बि  का  था  वो
                                                        भी सप्ताह क िार दिि। समर अंग्रिी की टयूर्ि
                                                                   े
                                                                                        े
                                                        िािा र्ुरू कर दिया। इसी बीि उसका एक िोसत
                                                                            ्ष
                                                                                                     ें
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                                                        र्मभू भी उसस संपक दकया दक उसी क ग्रुप म
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